जो नाम में ‘जैन’ न लिखे, उसे क्यों जैन कहलाने का हक और आचार्य श्री देवनंदी जी का 6 सूत्रीय उद्घोष

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॰ तीर्थक्षेत्र कमेटी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने अपनी योजनाओं के दिये शुरूआती संकेत
॰ आचार्य श्री देवनंदी जी का 6 सूत्रीय उद्घोष –
तीर्थ वंदना में न खरीदें, न खायें-पीयें,
हर घर से एक तीर्थक्षेत्र कमेटी से जुड़े,
तीर्थक्षेत्र स्वच्छता दिवस मनाएं,
सरकारी फंड का पूरा उपयोग करें,
तीर्थ पर सभी कर्मचारियों का एक ड्रेस, कमेटी लोगों सहित हो,
हर तीर्थ पर तीर्थक्षेत्र कमेटी का शिलापट्ट हो

31 जनवरी 2024 / माघ कृष्ण पंचमी/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ प्रवीन कुमार जैन /

नासिक के णमोकार तीर्थ पर सारस्वताचार्य श्री देवनंदी जी के परम सान्निध्य में 122 वर्ष प्राचीन भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी की साधारण सभा में शनिवार 27 जनवरी 2024 को कवि नगर, गाजियाबाद के दानवीर व तीर्थ सेवा में अग्रणी जम्बू प्रसाद जैन जी का निर्विरोध निर्वाचन जैन समाज में अभी भी जीवंत सामंजस्यता व एकता की भावना का प्रतीक रहा। इस अवसर पर आचार्य श्री देवनंदीजी ने पुरानी कमेटी को अपने कार्यों के लिए प्रशंसा के साथ ऐसे 6 सूत्र दिये, जो तीर्थक्षेत्र कमेटी की अगुवाई में होने चाहिये थे, पर नहीं हो पाये और इन पर जैन समाज को भी कमेटी का हर संभव सहयोग करना चाहिए।

1. तीर्थक्षेत्रों पर वंदना में ना खरीदारी, ना खाना-पीना : ऐसा देखा जा रहा है कि आज शिखरजी सहित अनेक तीर्थों पर श्रावकों की लापरवाही से जैनेत्तर समाज की दुकानें लग रही हैं, जैसे कोरोना में शिखरजी में सभी दुकानें बंद हो गई थी, पर अब फिर लग गई (सान्ध्य महालक्ष्मी ने इसी तरह मांगी और तुंगी गिरि के वंदना पथ पर आदिवासी महिलाओं द्वारा नींबू-पानी के 5-6 स्टॉल देखें, जिन्हें अगर नहीं रोका, तो यहां भी अतिक्रमण होते देर नहीं लगेगी। ) आचार्य श्री ने कहा कि जब साधु वंदना को बढ़ता है, तो कमंडलु से पैर धोकर बढ़ता-उतरता है, पर आप में से कई उसे खाने-पीने का स्थल बना लेते हो, संकल्प करें अब ऐसा नहीं होगा।

2. हर घर से एक कमेटी का सदस्य हो : अगर तीर्थक्षेत्र कमेटी को, अपने तीर्थों को मजबूत करना है तो हर परिवार को इसमें जुड़ना होगा, हर घर के एक सदस्य को प्रतिनिधित्व करना होगा। (इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष पहाड़िया जी ने बताया कि नवनिर्वाचित अध्यक्ष जी ने ढाई हजार नये सदस्य बनाकर कमेटी के सदस्यों की संख्या लगभग नौ हजार तक पहुंचा दी है। )
3. तीर्थक्षेत्र स्वच्छता दिवस हो एक या दो दिन : आचार्य श्री ने तीर्थों की सुरक्षा के साथ स्वच्छता पर भी जोर देते हुए कहा कि कमेटी को वर्ष में एक या दो दिन तीर्थ-मंदिर स्वच्छता दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत करनी चाहिये। इससे सभी का तीर्थों से जुड़ाव होगा। इसके लिये पौष कृष्णा एकादशी (दो तीर्थंकरों के चार कल्याणक) का सुझाव भी दिया।

4. सरकारी फंड का पूरा उपयोग: भारत व राज्य सरकारों द्वारा अलपसंख्यक व अन्य योजनाओं में काफी बड़ी राशि फण्ड का प्रावधान किया जाता है। पर जैन समाज उसका नाममात्र उपयोग करता है। इस बारे में श्रेष्ठी वर्ग से मिलकर कमेटी को जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।

5. तीर्थ कर्मचारियों की एक समान यूनिफार्म : तीर्थक्षेत्र कमेटी को हर तीर्थ पर नियुक्त कर्मचारियों को अपने लोगों के साथ यूनिफार्म बनाकर देशभर में एकरूपता व पहचान बनानी चाहिए। इस पर नवनिर्वाचित अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन जी ने वहीं मंच से तत्काल घोषणा की, कि हम तुरंत इसके लिये तैयार हैं, सभी तीर्थ कर्मचारियों की पैमाइश के साथ विवरण भेज दें।
6. हर तीर्थ पर कमेटी का शिलापट्ट : आज हमारे तीर्थ असुरक्षित हो रहे हैं, छोटे से छोटा तीर्थ भी कमेटी से जुड़कर रहे, तो सुरक्षित रख पाएंगे, इसके लिये हर तीर्थ पर शिलापट्ट लगे कि यह तीर्थक्षेत्र कमेटी का सदस्य है।

संगठित रहोगे, तो तीर्थ सुरक्षित रहेंगे – आचार्य श्री देवनंदी
आचार्य श्री ने कहा कि ये सब बहुत पहले हो जाना चाहिए था, पर नहीं हुआ। नये अध्यक्ष से समाज को बहुत उम्मीदें हैं कि वो अपनी नई कमेटी के साथ इनको पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि आर. के. जैन तक 110 सालों तक सलेक्शन से अच्छे कार्य होते रहे। ‘सलेक्शन’ की बजाय फिर ‘इलैक्शन’ से मतभेद बढ़ गये। हम परम्पराओं को ना छेड़ें, ना तोड़े। हमारे तीर्थ – धरोहर – विरासत पूरे देश में बिखरी पड़ी है। आज कहीं खंडहर दिखते हैं, तो वो भी शिखरजी तीर्थ के समान हैं। नरक-तिर्यंच गति का बंध केवल शिखरजी वंदना से ही नहीं रुकता, बल्कि सभी तीर्थों की भावपूर्ण वंदना से भी नरक बंध नहीं होता। धर्म एक, तीर्थ एक, निर्ग्रन्थ मुनिराज, तीर्थंकर एक, शास्त्र एक, तो हम सबको मिलकर तीर्थों के संवर्धन के लिए एक झंडे के नीचे एक आवाज के साथ खड़ा होना चाहिए। इस कलियुग में ताकत संगठन और समन्वय की आवश्यकता है। संगठित रहोगे, तो तीर्थ सुरक्षित रहेंगे, वर्ना हमारी मूर्तियों पर तीन रेखायें खींचकर, माला डालकर, कपड़ा पहना कर अपना घोषित करते रहेंगे। यह सुरक्षा हमें कुछ दशक पहले शुरू करनी थी। किसी की श्रद्धा का खंडन ना करें, तीर्थों की पवित्रता व सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी है।

निष्ठा – लगन से कार्य करें, अचल के साथ चल तीर्थों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभायें – स्वामी रवींद्र कीर्ति
इस अवसर पर रवीन्द्र कीर्ति स्वामी जी ने कहा कि नवनिर्वाचित जम्बू प्रसाद जी को सभी साधु संतों का आशीर्वाद मिला है, अब पद पाकर वे उसी तरह निष्ठा व लगन से कार्य करें और साधुओं को न भूल जायें। अचल के साथ चल तीर्थों की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी निभायें। ज्ञानमती माताजी ने इनके तीर्थों के संरक्षण का कार्य देखा है, अब नई पारी के लिये बहुत-बहुत आशीर्वाद दिया है। चुनाव से सामाजिक समन्वय में खटास आ रही थी। समाज में संतवाद-पंथवाद के कारण बिखराव हो रहा है। आज दिगंबर समाज कठिनाइयों से गुजर रहा है, अन्य हमारे तीर्थों को हड़पने की सोच रहे हैं। समाज को इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिये। (अब तक कमेटी ने केसों-विवादों से समाज के प्रमुखजनों को अवगत नहीं कराया)। अब नये मुकदमे न हो, पुराने विवाद खत्म हो और साधुओं को मत भूलना।
पंथवाद से पृथक रहकर निष्ठा के साथ

अपने पद का निर्वहन करूंगा – जम्बू प्रसाद जैन
नवनिर्वाचित अध्यक्ष बाबू जम्बू प्रसाद जैन ने अपने पहले भाषण में ही अपनी योजनाओं के शुरूआती संकेत दे दिये। उन्होंने कहा कि पिछले 122 सालों से यह संस्था साधु-आर्यिकाओं व श्रेष्ठीजनों के सहयोग से प्रतिष्ठित व पल्लवित हुई है, उसको मैं पंथवाद से पृथक रहकर निष्ठा के साथ अपने पद का निर्वहन करूंगा। तीर्थक्षेत्र कमेटी को आर्थिक रूप से मजबूत करना, न्यायालय में चल रहे विवादों का निस्तारण, अंचलों को मजबूत करना, शिखरजी की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई तक पहुंचाना, मेरे लक्ष्य होंगे। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पहचान मजबूती के लिये अपनी संख्या बल पर जोर देते हुए कहा कि अभी हम 45 लाख हैं, कल 30 लाख रह जाएंगे, इसके लिये हर जैन को अपने पीछे ‘जैन’ जरूर लिखना होगा, पहले जैन, फिर जाति। उन्होंने यह तक कह दिया कि जो अपने पीछे ‘जैन’ नहीं लिखता, उसे क्या अपने को जैन कहलाने का हक है। आगामी जनगणना में हम सभी को ‘जैन’ ही लिखना है। साथ ही कमेटी के महामंत्री पद पर संतोष पेंढारी जी को जोड़ते हुये, शेष की घोषणा बाद में करने की बता कही।
पूर्व अध्यक्ष श्री शिखरचंद पहाड़िया ने नई कमेटी का पूरा सहयोग देने के आश्वासन के साथ कहा कि कमेटी के पास कॉरपस फंड में 15 करोड़ रुपये हैं, जिसमें वर्तमान में जम्बू प्रसाद जी का बहुत सहयोग मिला। बैंक में 1,16,36,000 रु. हैं, 60 लाख रुपये का इन्वेस्टमेंट है तथा 1.22 करोड़ का सरपलस है। अपने ढाई साल के काल की उपलब्धियों में शिखरजी का विशेष जिक्र करते हुए कहा कि आचार्य श्री प्रसन्न सागरजी के सहयोग से स्वर्णभद्र कूट को वास्तव में स्वर्णमयी किया, 40 माह से बंद चोपड़ा कुंड को खुलवाया, उसके पीछे धर्मशाला बनवाई। वंदना पथ में शेड व बैंच लगवाए। चंदाप्रभु टोंक के 4 फुट के संकरे रास्ते को 14 फुट का किया तथा बाहर उस टोंक पर परिक्रमा पथ बनाया।

तीर्थ-मंदिर संवैधानिक दस्तावेज, मूर्तियों की फोटो-वीडियो सुरक्षित रखें – संतोष पेंढारी
सभा का संचालन करते हुए श्री संतोष पेंढारी ने जैन तीर्थों को असमाजिक तत्वों द्वारा वर्तमान में हड़पने की कोशिशों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने अपील की, कि सभी तीर्थ मंदिर अपने संवैधानिक दस्तावेज, मूर्तियों व अन्य संपत्ति की फोटो व वीडियो सुरक्षित रखें। चल-अचल सम्पत्ति के दस्तावेज समय-समय पर जांच कराते रहें। तीर्थ विरोधी छोटी से छोटी गतिविधियों पर तुरंत ध्यान दें। शिखरजी, केसरिया, शिरपुर, गिरनार अनेक तीर्थों पर हमारे विरोधी षड्यंत्र चल रहे हैं। शिखरजी टोंकों पर गेट, भंडार पेटी, चिकित्सा सुविधायें आदि से अवगत कराया।

णमोकार तीर्थ के अध्यक्ष श्री नीलम अजमेरा द्वारा सभी के लिये कुशल व अच्छी व्यवस्थायें कीं। संघस्थ बा. ब्र. वैशाली दीदी द्वारा पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में बढ़-चढ़कर सहयोग किया गया।
तीर्थक्षेत्र कमेटी की साधारण सभा मंच पर आचार्य श्री देवनंदीजी, स्वामी श्री रविन्द्र कीर्तिजी के साथ ब्र. जय कुमार जैन निशांत और संघस्थ बा.ब्र. वैशाली दीदी विराजमान थीं। साथ ही तीर्थक्षेत्र कमेटी के सभी अंचल अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि, नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री जम्बू प्रसाद जैन – श्रीमती सरोज देवी जैन, पूर्व अध्यक्ष श्री शिखरचंद पहाड़िया, श्री जवाहर जैन सिकंदराबाद, श्री विजय जैन लुहाड़िया अहमदाबाद, चुनाव अधिकारी श्री सुमेरचन्द काला, सुरेन्द्र बाकलीवाल आदि समाज श्रेष्ठीजन मंच पर उपस्थित थे। मंगलाचरण पं. जीवन प्रकाश जैन जम्बूद्वीप ने किया, चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ सभा प्रारंभ हुई। चुनाव अधिकारी श्री सुमेरचन्द काला द्वारा बाबू जम्बू प्रसाद जैन को सन् 2024 से 2028 के कार्यकाल के लिये निर्विरोध अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा करने पर समस्त मंच एवं दर्शक दीर्घा में बैठे सदस्यों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया।

गणाचार्य श्री पुष्पदंत सागरजी महाराज ने अपने आनलाइन संदेश में सभा को तथा नवनिर्वाचित अध्यक्ष को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि उनके पद से मैं बहुत-बहुत आनंदित हूं। अब समाज को इनका उपयोग कर लेना चाहिए।

अन्य वक्ताओं में श्री डी.के. जैन ने कुछ इस तरह कहा कि – तेरे वजूद को तीर्थों की तलाश है… । श्री संजय जैन ने कहा एक प्रस्ताव के जरिये संविधान में संशोधन कर कमेटी के चुनाव में आनलाइन मतदान प्रक्रिया का समावेश होना चाहिए।

सभा के अंत में नविनिर्वाचित अध्यक्ष बाबू जम्बू प्रसाद जैन का सभी अंचलों से आए अध्यक्ष-प्रतिनिधियों, सदस्यों एवं णमोकार तीर्थ ट्रस्ट ने फूल मालाओं एवं शॉल पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर तीर्थक्षेत्र कमेटी के मुंबई कार्य में पिछले 50 साल से निष्ठापूर्वक कार्य कर रहे श्री ओमप्रकाश दुबे जी का अभिनंदन किया गया।