शाकाहार अहिंसा का शंखनाद करने वाले जैन समाज ही नहीं, हिंदू समाज के लिए भी, यह मोदी जी के जन्मदिवस पर दिया गया गिफ्ट, अहिंसा के नाम पर एक तगड़ा तमाचा है

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18 सितम्बर 2022/ अश्विन कृष्ण अष्टमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी , देश के 14वें प्रधानमंत्री और कल बीते दिन , 17 सितंबर को पूरे देश ने मनाया, उनका 72 वा जन्मदिवस। उन्होंने भी मनाया और उनके इस जन्मदिवस को विशेष करने के लिए अफ्रीका के नामीबिया से एक विशेष विमान से 8 चीते लाए गए और जयपुर उतरे ,

और फिर विशेष विमान से कूनो पालपुर के पास उतारकर, उनको पिंजरे से निकालकर 344 वर्ग किलोमीटर के कूनो पालपुर के जंगलों में छोड़ने के लिए स्वयं हमारे प्रधानमंत्री जी विशेष विमान से दिल्ली से वहां पहुंचे।

70 सालों से गायब थे फिर भारत में देखेंगे, अच्छी बात लगती है ना। दिखता है इसमें हमारे प्रधानमंत्री का जीवो के प्रति प्रेम। पर मोदी जी यह वही देश है, जहां पर आज भी करोड़ों देवी देवताओं का वास दिखता है, जिस धरा से तीर्थंकरों ने जन्म लेकर अपनी कर्म स्थली बनाई ।

जहां पर भगवानों ने जन्म लेकर, पूरे दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाया, शाकाहार का गीत गुनगुनाया, आज पूरे विश्व में भारत का डंका, अहिंसा के नाम पर बजता है, उसी देश के मध्य प्रदेश में कूनोपालपुर के जंगलों में दिल्ली से जब आप पहुंचे , तो 8 चीतों को पिजड़ों से निकालकर छोड़ा गया और फिर उसकी बाकायदा फोटो भी आपने लिए। देश के मीडिया ने उसको लाइव पूरी दुनिया में दिखाया, क्योंकि इसके अलावा हमारे मीडिया के पास शायद दिखाने को ज्यादा कुछ नहीं होता।

और अब इन चीतों के भोजन के लिए , सैकड़ों चीतल , जी हां हिरन की एक नस्ल, वहीं सैकड़ों चीतलों को जगह-जगह से लाकर यहां छोड़ा जाएगा और पहली खेप में राजगढ़ के जंगलों से कल ही 181 चीतल पहले दिन पकड़कर छोड़े गए । अभी सैकड़ों और छोड़ जाएंगे । शाकाहार अहिंसा का शंखनाद करने वाले जैन समाज ही नहीं, हिंदू समाज के लिए भी, यह मोदी जी के जन्मदिवस पर दिया गया गिफ्ट, अहिंसा के नाम पर एक तगड़ा तमाचा है ।

आठ शिकारियों के को जिंदा रखने के लिए सैकड़ों जिंदा चीतल और सौंपे जायेंगे। और जियो और जीने दो का फिर गला घोटा जाएगा एक प्रकार से जंगल में यह कत्लेआम हो गया। मध्य प्रदेश के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने कल जरूर कहा कि आज वो जैन समाज, अहिंसा की आवाज जगह-जगह उठाता है, आज क्यों चुप है।

हैरान की तो तब होती है जब यही जैन समाज अपना एकता का बिगुल बजाने के लिए लाल किला के मैदान पर एक मंच पर आते तो हैं पर उनमें से कोई महावीर स्वामी के इस संदेश को जियो और जीने दो को नहीं याद करते कि बीते दिन जो कुछ मध्यप्रदेश में घटित हुआ , वह इस अहिंसक समाज , अहिंसक शाकाहारी भारत देश के लिए सही नहीं है और मिलकर आवाज उठानी चाहिए, पर सब चुप थे।

इस पर चैनल महालक्ष्मी सोमवार , 19 सितंबर को अपना विशेष एपिसोड ला रहा है कि मोदी जी के 72 वें जन्मदिवस पर, अहिंसा नारों के बीच में सैकड़ों का कत्लेआम क्यों किया जा रहा है। देखना मत बोलिएगा क्योंकि जिओ और जीने दो, में जब हमें जीने का हक है, तो दूसरे का भी जीने का उतना ही हक है । एक जन्म दिवस का इवेंट बनाकर 8 चीतों को लाकर, सैकड़ों का कत्लेआम करना, शायद भारत की संस्कृति नहीं कहती है ।

आज हमारे देश में जगह-जगह गाय मर रही हैं, उनके बचाव की बचाए , हम बाहर से चीतों को लाकर , उनके लिए फिर अपने ही बेजुबान जानवरों को सौंपने की तैयारी क्यों कर रहे हैं । देखिए जरूर कल सोमवार को रात्रि 8:00 बजे चैनल महालक्ष्मी का विशेष एपिसोड में, कि क्या करना चाहिए और क्या है सही और क्या है गलत।
– शरद जैन –

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