तमिलनाडु की पॉन्नूर हिल्स, यह अब निखरती तपोभूमि आचार्य श्री कुंदकुंद हिल्स, जहां पर ऊपर आचार्य श्री कुंदकुंद स्वामी के चरण बने हुए हैं

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29 मार्च 2023/ चैत्र शुक्ल अष्टमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी
पोन्नूर हिल्स तपो भूमि निलयम तीर्थ क्षेत्र तमिलनाडु राज्य के तिरुवन्नामलाई जिले में स्थित 2000 वर्ष से अधिक प्राचीन क्षेत्र है और प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है। यह स्थान महान एवं मेधावी दिगंबर जैन ‘आचार्य कुंद कुंद की तपो भूमि है।

यह एकमात्र पवित्र स्थान है जहाँ आचार्य कुंद कुंद ने 57 वर्ष तपस्या की, आत्म-पहचान और शुद्धि के लिए अभ्यास किया। यहाँ से आचार्य कुंड कुण्ड वर्तमान तीर्थंकर भगवान सीमंधर के समवशरण में विदेह क्षेत्र गये। वे वहां सात दिन और रात तक रहे और आध्यात्मिक उपदेशों (दिव्य ध्वनि) का लाभ प्राप्त किया।

वहाँ से लौटने के बाद उन्होंने ‘पंच परमगम’ की रचना की जिसे “द्वितीय श्रुतस्कंध” कहा जाता है, इसमें विश्व के वास्तविक दर्शन के महान ग्रंथ शामिल हैं: – ‘समय सार’, ‘प्रवचन सार’, ‘नियम सार’, ‘अष्ट पाहुद’ ‘ और ‘पंचस्तिकाय समागम’। पांच में से पहले तीन को “प्रभृत त्रयी” के रूप में भी जाना जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि ये पंच परमगम पोन्नूर पहाड़ियों में लिखे गए थे। इन ग्रन्थों में पदार्थ और आत्मा की सहज स्थिति, दो पदार्थों के ऐसे सम्बन्धों का अंतर्संबंध और यथार्थ और मोक्षमार्ग का तार्किक और विस्तृत वर्णन किया गया है। इन सभी ग्रन्थों में सर्वप्रथम सांसारिक सम्बन्धों की वास्तविकता, आत्मा की विशिष्टता एवं निर्मलता तथा आत्मा के अनंत गुणों एवं गुणों का ज्ञान मिलता है। ये ग्रंथ पाठक को अपने जीवन में ‘रत्न त्रय’ (सही विश्वास, सही ज्ञान और सही आचरण) को स्वीकार करने और इस प्रकार मोक्ष के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

आचार्य कुंद कुंद जैन संस्कृति केंद्,र कुंद कुंद नगर, ओपी। पोन्नूर मलाई, चेटपेट रोड, तालुक, वंदवसी, तमिलनाडु 604505