दिन प्रतिदिन मंदिर और मूर्तियां बढ़ती जा रही हैं किंतु उनकी रक्षा करने वाले जैनियों की संख्या घटती जारही हैं, 10 उपाय

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22 फरवरी 2023/ फाल्गुन शुक्ल तृतीया/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/

“वत॔मान जीवन शैली को देखते हुए युवावग॔ को समझना चाहिए कि दिन प्रतिदिन मंदिर और मूर्तियां बढ़ती जा रही हैं किंतु उनकी रक्षा करने वाले सकारात्मक विचारो वाले भक्तो की …. जैनियों की संख्या घटती जारही हैं इसका क्या कारण है।”
१. जिन प्रतिमाओं की संख्या नहीं, संस्कारित जैन-जन की संख्या बढ़ाओ।

२. जैन संतों की/ जैन श्रावकों की संख्या बढ़ाओ।
३. नये जिन मन्दिरों के अनुपात से 100 गुणा ज्यादा जैन मकानों की संख्या बढ़ाओ।
४.धर्म बचाना हो, तो धन का नहीं, संतानो में जैन संस्कार जाग्रत करने हेतु अभियान चलोओ।

५. पंचकल्याण के अनुपात में 108 गुणा ज्यादा जैन परिवार का कल्याण करो।
६. बालब्रह्मचारिओं के साथ, गृहस्थों को भी त्याग तपस्या की दीक्षा दो।
७. नये तीर्थ क्षेत्रों को नहीं, जैन श्रावकों के लिए शिक्षा हेतु जैन पाठशालाए/गुरुकुल बनाओ।
८. जैन गुरुकुलों में अजैन नहीं, जैन बच्चों को पढ़ाओ।
९. अब अनाथाश्रम प्रथा को समाप्त कर, असहाय जैनियों को जीवन यापन/शिक्षा प्राप्त करने हेतु मकान आश्रम/गुरुकुल बनाकर देने मे सहयोग करो।
१०. अब स्वयं के ज्ञान से नौकरी की गुलामी नहीं खेती या व्यापार करने की प्रबल स्वतंत्र इच्छा जाग्रत करो।