सरकारी छुट्टी 24 को, पर दीवाली 25 को: 2549वां श्री महावीर स्वामी निर्वाणोत्सव- क्या है श्रेष्ठ मुहूर्त

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21 अक्टूबर 2022/ कार्तिक कृष्णा एकादिशि /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
इस बार फिर दीपावली को घोषित तिथी में परिवर्तन हो गया है। वैष्णव धर्म में जहां 24 अक्टूबर को दीपावली मनाई जायेगी, वहीं जैन धर्म में कार्तिक अमावस 25 अक्टूबर प्रात: सूर्योदय से शुरू होगी। इसलिये तीर्थंकर श्री वर्द्धमान स्वामी का निर्वाण लाडू 25 अक्टूबर को प्रात:काल से मंदिरों में पूजन के बाद निर्वाण लाडू चढ़ाया जायेगा। सुबह कोई निश्चित अवधि नहीं है, क्योंकि सूर्योदय ही अमावस से शुरू हो रही है।

यानि कार्तिक माह की अमावस 24 अक्टूबर की सायं 17.27 पर प्रारम्भ होकर अगले दिन मंगलवार 25 अक्टूबर को सायं 16.18 तक रहेगी। साथ ही चित्रा नक्षत्र 24 अक्टूबर को 14.41 से प्रारम्भ होकर 25 अक्टूबर को सायं 16.18 तक और इसके बाद स्वाति नक्षत्र आरम्भ होगा।

इसीलिये जैन दीपावली कहें या 2549वां श्री महावीर स्वामी निर्वाणोत्सव कार्तिक कृष्ण अमावस + मंगलवार + चित्रा नक्षत्र + विष्णुकुम्भ के रहते सूर्योदय से ही प्रारम्भ हो जायेगा। यानि प्रात: सामूहिक निर्वाण लाडू मंदिर जी में चढ़ाना समाज और देश को सुख-समृद्धि देने वाला सिद्ध होगा। सभी को सुख समृद्धि, मान-सम्मान, लाभान्वित एवं श्री जी की कृपा बनी रहेगी। श्रेष्ठ मुहूर्त में किया गया कार्य पूर्ण फलकारी व कल्याणकारी होता है।
प्रदोष वेला 17.38 से 20.14 तक
वृष स्थिर लग्न 18.46 से 20.42 तक
लाभ का चौघड़िया 19.14 से 20.14 तक
इस प्रकार तीनों के योग से सायं 7.14 से 8.14 तक का समय श्रेष्ठ लाभकारी है।