क्या कभी आपने सोचा है कि हम कहीं देश को गुलामी की ओर तो नहीं धकेल रहे, प्रधानमंत्री #नरेंद्र_मोदी द्वारा सभी के लिए एक होमवर्क

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7 मई 2022/ बैसाख शुक्ल षष्ठी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
क्या कभी आपने सोचा है कि हम कहीं देश को गुलामी की ओर तो नहीं धकेल रहे। विदेशी के सामने स्वदेशी को पकड़ने की बजाय, छोड़ तो नहीं रहे। बस इसी बात पर ध्यान रखते हुए, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जीतो के लिए, परिवार के लिए, पूरे जैन समाज के लिए, बल्कि पूरे भारतीय समाज के लिए, एक होमवर्क दिया, जो हम सभी को करना चाहिए, कि हम अपने रोजाना के जीवन में कितनी विदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करते हैं , उसकी सूची बनाएं और फिर चिंतन करें, कि हम इनमें से ऐसी कितनी वस्तु है , जो जाने अनजाने में , हम इस्तेमाल करते हैं, जबकि उसमें से कई , हम आसानी से स्वदेशी में बदल सकते हैं। बस एक बार प्रयास करना शुरू कीजिए, हमारे देश में कभी ईस्ट इंडिया कंपनी, जैसी व्यापार के नाम पर प्रवेश नहीं कर पाएंगे और 75 वर्ष के आजादी के अमृत महोत्सव में ऐसा अमृत काल तो लाने में सहयोग तो कर ही सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कल शुक्रवार, 6 मई को वीडियो कांफ्रेस के जरिए जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन के जीतो कनेक्ट 2022 (JITO Connect 2022) के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाहे वैश्विक शांति हो, समृद्धि की हो, अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाना हो या फिर वैश्विक चुनौतियों से जुड़े समाधान हो, आज दुनिया भारत की ओर बड़े विश्वास के साथ देख रही है।

वोकल फॉर लोकल मंत्र को किया रेखांकित
‘वोकल फॉर लोकल’ मंत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘आजादी के 75 साल का जश्न मनाने के बीच हमें विदेश के प्रोडक्ट्स का गुलाम नहीं बनना चाहिए।’ उन्होंने तीन यूरोपीय देशों की अपनी तीन दिवसीय यात्रा का भी उल्लेख किया। इस संदर्भ में पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने भारत के सामर्थ्य, संकल्पों और अवसरों के संबंध में काफी लोगों से चर्चा की है।

प्रधानमंत्री ने कहा , वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का समाधान, ढूंढने के लिए जीतो को, मैं शुभकामनाएं देता हूं और उन्होंने इच्छा जताई कि आप सबसे मैं रूबरू होकर मिलता , तो बहुत अच्छा लगता। आज भारत के प्रति आपका विश्वास, मैं अनुभव कर सकता हूं और हर कोने में रहते भारतीयों को गौरवान्वित होते महसूस कर सकता हूं । आज ग्लोबली शांति हो , विकास को, आपूर्ति के लिए भी , पूरा विश्व भारत की ओर नजरें उठा कर देख रहा है। कैसा भी वर्ग हो, चाहे राजनीति में, चाहे व्यवसाय में , हर कोई भारत की ओर देख रहा है । उन्होंने कहा कि 8 सालों में अब, सबको बदलाव दिख रहा है। टैलेंट, ट्रेड और टेक्नोलॉजी को, ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित किया जा रहा है । अब तो स्टार्टअप रोज बन रही हैं।

सरकारी पोर्टल GeM के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज टैक्स व्यवस्था, पारदर्शी और फेसलेस हो गई है, यानी वन नेशन वन टैक्स से हम उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं। सरकारी कार्यों में पारदर्शिता के लिए, सरकारी खरीद GeM से होने लगी है। कहीं भी हो, दूर किसी कोने में भी, पर अब सीधे अपने उत्पाद, सरकार को बेच सकते हैं और आपके तो यानी जीतो के तो डीएनए में ,यह सब कुछ बसा हुआ है । Ge M की स्टडी करने के लिए जीतो से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के पास 40 लाख से ज्यादा विक्रेता पंजीकृत है। जिनमें से अधिकतम एमएसएमई हैं ,और इनमें से 1000000 तो पिछले माह में 5 महीनों में ही दर्ज हुए हैं । सचमुच देश में बदलाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत हमारा रास्ता है और संकल्प 130 करोड़ भारतीयों का। सही वातावरण के बाद, अब जीतो के हाथ में कमान है ।

उन्होंने कहा कि मैं जैन समाज को अच्छी तरह जानता हूं क्योंकि उनके बीच पला बढ़ा हूं । जैनों के लिए लोकल फॉर लोकल पर ध्यान देना, उनको अच्छी तरह समझ आता है ।उन्होंने कहा कि क्वालिटी पर कोई कंप्रोमाइज नहीं और साथ में फिर सभी के लिए एक होमवर्क दिया जिसके अंतर्गत हम और आप , विदेशी वस्तुओं को धीरे-धीरे अपने घर से , दुकान से , प्रतिष्ठान से , बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं.। उन्होंने कहा कि अपने स्वदेशी पर गर्व करो, तो दुनिया आप पर गर्व करेगी ।

उन्होंने कहा कि जैन अर्थ यानी नकदी से बहुत नजदीकी रिश्ता रखते हैं ,पर आज मैं आपसे दूसरे अर्थ की बात कर रहा हूं अर्थ (EARTH)यानी ई फॉर एनवायरमेंट, ए फॉर एग्रीकल्चर, आर फॉर रीसाइक्लिंग, रियूज, टी फॉर टेक्नोलॉजी और एच फॉर हेल्थ । बस अब आगे बढ़कर और जगत को दिखाइए , आप में कितनी ताकत है ।

प्रधानमंत्री के अभिभाषण की पूरी जानकारी आप , चैनल महालक्ष्मी के इस एपिसोड में बस एक क्लिक पर देख और सुन सकते हैं।

नए भारत का उदय सभी को जोड़ता है। दुनिया अब भारत की तरफ देखने लगी है। दुनिया में राजनीति से जुड़े लोग हों, नीति निर्माण से जुड़े लोग हो, या फिर जागरूक समाज के नागरिक हों, विचारों में चाहे जितनी भी भिन्नता हो, आज सभी को लगता है कि भारत अब प्रोबेबिलिटी और पोटेंशल से आगे बढ़कर वैश्विक कल्याण के लिए आगे बढ़ रहा है।

टैलेंट, ट्रेड और टेक्नोलॉजी को किया जा रहा प्रोत्साहित
आज देश टैलेंट, ट्रेड और टेक्नोलॉजी को जितना हो सके उतना ज्यादा प्रोत्साहित कर रहा है। देश में हर रोज दर्जनों स्टार्टअप्स रजिस्टर हो रहे हैं। हर हफ्ते एक यूनिकॉर्न बन रहा है। देश हजारों कंप्लाएंस खत्म करके जीवन और जीविका को आसान बना रहा है। टैक्स व्यवस्था फेसलेस है, ट्रांसपेरेंट हैं, ऑनलाइव है। देश मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम हो बखूबी चला रहा है। एक के बाद एक कदम हर हिंदुस्तानी के गर्व को बढ़ाते हैं।