आचार्य श्री #देशभूषण जी गुरुदेव की जन्मभूमि #कोथली में 13 अगस्त को तीन भव्य #जैनेश्वरी_दीक्षाएं सम्पन्न

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प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज की अक्षुण्ण मूल बाल ब्रह्मचारी पट्ट परंपरा के पंचम पट्टा धीश वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी अपना 53 वा वर्षा योग कोथली कर्नाटक में कर रहे हैं

दिनांक 13 अगस्त 2021 को 3 मुनि दीक्षाएं आचार्य श्री संघ सानिध्य में हुई, मुनि श्री पद्य कीर्ति जी मुनि श्री परमानंद सागर जी तथा मुनि श्री परम सागर जी बने

धरियावद राजस्थान निवासी 66 वर्षीय 7 प्रतिमा धारी श्री इन्द्र मल जी की तथा ग्राम अलास
जिला कोल्हापुर निवासी 3 प्रतिमा धारी 85 वर्षीय श्री अप्पा साहब अलासे की मुनि दीक्षा वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी के सिद्ध हस्त करकमलों केशलोचन हुए कोथली में चातुर्मास रत पूज्य मुनि श्री महिमा सागर जी के संघस्थ 84 वर्षीय पूज्य क्षुल्लक श्री निर्मोह सागर जी की मुनि दीक्षा भी हुई,
केशलोचन के बाद पुनः दीक्षार्थियों ने आचार्य श्री से दीक्षा हेतु श्रीफल अर्पित किया
समाज से क्षमा याचना की

आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी द्वारा मंत्रोचार कर दीक्षा संस्कार हस्त पर मस्तक पर किये
धरियावद निवासी श्री इंदरमल जी का नूतन नामकरण मुनि श्री पद्मकीर्ति जी श्री अप्पा जी का नाम मुनि श्री परमानंद सागर जी
तथा क्षुल्लक श्री निर्मोह सागर जी का नाम मुनि श्री परम सागर किया गया

नूतन मुनिराजों को संयम उपकरण पिच्छी कमंडल तथा शास्त्र पुण्यरजको द्वारा भेंट किये गए
आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी को नमोस्तु समस्त संध को नमोस्तु