मंगसिर शुक्ल दशमी, जो इस वर्ष 24 दिसंबर को है, इसी दिन 18वे तीर्थंकर श्री अरह नाथ जी को, शरद ऋतु के बादलों को नष्ट होता देख, वैराग्य की भावना बलवती हो गई और 30 धनुष कद वाले ,आपने अपनी जन्मस्थली हस्तिनापुर के सहेतुक वन की और अपनी वैजयंती पालकी बढ़ाने का आदेश दिया । और आम्र वृक्ष के नीचे , अपराहन काल में पंच मुष्टि केश लोंच कर 1000 राजाओं के साथ दीक्षा ले ली । 16 वर्ष का तप करके आपको केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई।
क्या अक्षय तृतीया सिर्फ आहारदान दिवस है? पूर्व में किए गए...
29 अप्रैल 2025 / बैसाख शुक्ल दौज/चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर देवाधिदेव श्री ऋषभदेव भगवान को वैसाख शुक्ल तृतीय को...