अगर यह अतिशय तीर्थ नहीं देखा, तो समझ लो अब तक कुछ नहीं देखा, हो रही चमत्कारों की बौछार, आना जरूर अबकी बार

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14 अगस्त 2022/ भाद्रपद कृष्ण तृतीया /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
विश्वास नहीं होता, जब सुनते हैं। पर जब देखते हैं, हैरान हो जाते हैं । हम नहीं कहते कि आप चमत्कारों को नमस्कार करें, पर यह जरूर कहेंगे कि आपका नमस्कार ऐसा हो, जिससे चमत्कार हो जाए

चैनल महालक्ष्मी आपसे यह नहीं कहेगा कि आप देशभर में, दुनिया भर में घूमे, पर यह जरूर कहेगा कि जहां आचार्य श्री विद्यासागर जी, आचार्य श्री वर्धमान सागर जी, आचार्य श्री देव नंदी जी, आचार्य श्री पदम नंदी जी , आचार्य श्री विराग सागर जी, आचार्य श्री ज्ञानसागर जी, आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी, आचार्य श्री विभव सागर जी, आचार्य श्री विनिश्चय सागर जी , आचार्य श्री निर्भय सागर जी , आचार्य श्री प्रमुख सागर जी, मुनि श्री नेमी सागर जी, मुनि श्री सुधा सागर जी, मुनि श्री अभय सागर जी, मुनि श्री सरल सागर जी, मुनि श्री निरंजन सागर जी, मुनि श्री समय सागर जी आदि अनेकों मुनि संघ और गणनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी, आर्यिका श्री अनंत मति माताजी , आर्यिका श्री गुरु मति माताजी, आर्यिका श्री विशाश्री माताजी, आर्यिका श्री प्रशांत मति माताजी, गुरु मां आदि अनेकों आर्यिका संघ जिस अतिशय क्षेत्र पर आए हो। जहां पर उन्होंने धर्म शास्त्रों का शोध नहीं, उस क्षेत्र का शोध कर , जैसे दांतों तले अंगुली दबा ली हो ।

ऐसा विश्व का एकमात्र अनोखा अतिशय क्षेत्र, जहां पर अनेकों ऐसे नमस्कार, अनुष्ठान, जाप, तप से चमत्कार हुए हैं । जो सचमुच हर को हैरान कर देते हैं। जहां पर डाकुओं की गोली भी बेअसर हो जाती हैं। जहां पर कैंसर जैसी बीमारी भी खत्म हो जाती है। जहां पर आंखों की रोशनी लौट आती है। जहां निसंतान की गोद भर जाती है। जहां पर रोजाना अजब गजब के करिश्मे देखे जाते हैं। अतिशय क्षेत्र पर , जहां पर उत्तर भारत में भी हजारों वर्ष प्राचीन जैन गुफाएं दिखती हैं ।

मुनियों के विश्राम स्थल , किस तरह हैं, वह देखकर हर कोई हैरान हो जाता है। जहां पर प्रकृति की चट्टाने भी अपना अद्भुत रंग दिखाती है । जहां पर अजीबोगरीब बावड़ी भी ऐसे चमत्कार दिखाती है, जिसके अंदर आज भी जैनों का हजारों वर्ष प्राचीन इतिहास छिपा पड़ा है। जिसमें लाखों वर्ष प्राचीन उपकरण आज भी निकलते हैं। जहां की अतिशय कारी प्रतिमा जैसे सबको आकर्षित करती है।

ऐसा अनोखा तीर्थ, जहां पर इतिहास की खोज आज भी बाकी है एक शोध कर चुके, दो कर रहे हैं और आप भी आकर नई खोज कीजिए। हैंगिंग रॉक, रॉक पेंटिंग, लाखो वर्ष प्राचीन उपकरण , आभूषण या बावड़ी से निकलती हमारी विरासत, चट्टानों में अंदर बने मुनिराजों के विश्राम स्थल। बहुत कुछ इतना ज्यादा, जो आप देखते रह जाएंगे, दंग हो जायेंगे और कहेंगे अगर इस अतिशय तीर्थ को नहीं देखा, तो समझ लो अभी तक कुछ नहीं देखा।
आज शाम को यानी रविवार 14 अगस्त रात्रि 8:00 बजे चैनल महालक्ष्मी का विशेष एपिसोड ,

इस लिंक पर देखना ना भूलें, ऐसा अतिशय तीर्थ जा होती चमत्कारों की बौछार।