#हस्तिनापुर जम्बूद्वीप में शुरू हो गया त्रिदिवसीय #जम्बूद्वीप संस्थान का स्वर्ण जयंती समारोह और साथ ही गणिनीप्रमुख श्री #ज्ञानमती_माताजी का 89 वां जन्मजयंती महोत्सव

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07 अक्टूबर 2022/ अश्विन शुक्ल दवादिशि /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी
जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर स्थित दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान के 50 वर्ष की पूर्ति पर स्वर्णजयंती महोत्सव बहु आयामी कार्यक्रमों के द्वारा सम्पन्न किया जायेगा। संस्थान की प्रेरणास्रोत एवं संस्थापिका गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के द्वारा सन् 1972 में दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान की स्थापना राजधानी दिल्ली में की गई। संस्थान के द्वारा इन पचास वर्षों में अनेक ऐतिहासिक कार्यक्रमों को सम्पन्न किया गया। जिसमें सन् 2008 में जम्बूद्वी स्थल पर प्रथमबार भारत गणतंत्र की राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल का आगमन हुआ एवं मांगीतुंगी में तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द जी का आगमन सन् 2018 में हुआ। अनेक प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री, राज्यपाल आदि गणमान्य महानुभावों का समय-समय पर पूज्य माताजी के पास आगमन होता रहा है।

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दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान के द्वारा 10 तीर्थों का निर्माण सारे देश के अंदर किया गया। जिसमें मुख्यरूप से हस्तिनापुर में जम्बूद्वीप की रचना, मांगीतुंगी में 108 फुट उत्तुंग गिजीन ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा का निर्माण, शिर्डी में ज्ञानतीर्थ पर भव्य कमल मंदिर का निर्माण, प्रयाग तीर्थ में कैलाश पर्वत की रचना, सम्मेद शिखरजी में आचार्य शांतिसागर धाम, कुण्डलपुर-नालंदा (बिहार) में नंद्यावर्त तीर्थ का निर्माण, श्री महावीरजी राजस्थान में पंचबालयती मंदिर, काकंदी (खुखुन्दु) में भगवान पुष्पदंतनाथ की जन्मभूमि तीर्थ का निर्माण, अयोध्या तीर्थ में पॉंच तीर्थंकरों के जन्मस्थान का जीर्णोद्धार विकास, सनावद म.प्र. में णमोकार तीर्थ आदि अनेक तीर्थों का निर्माण दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान के द्वारा करवाया गया। तीर्थ के विकसित स्वरूप जम्बूद्वीप जो आज विश्व प्रसिद्ध है। वर्तमान में हस्तिनापुर की पहचान जम्बूद्वीप से होती है। संस्थान के द्वार अनेक ग्रथों का प्रकाशन का प्रकाशन किया गया। पूज्य माताजी के द्वारा लगभग 500 ग्रंथों का लेखन किया गया। जिसे संस्थान के द्वारा लाखों की संख्या में प्रकाशन करके देश-विदेश में भेजा गया। आज भी जैन साहित्य सारे देश में संस्थान के द्वारा भेजा जा रहा है।

पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के सानिध्य में 7-8-9 अक्टूबर को भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सारे देश से जैन श्रद्धालुगण पधार रहे हैं एवं 7 अक्टूबर को महिला संगठन का अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है एवं विश्वशांति तीनमूर्ति मंदिर के शिखरों पर कलश चढ़ाया जा रहा है। दिनॉंक 8 अक्टूबर को दि.जैन समाजिक एकता सम्मेलन, रात्रि में रूपेश जैन संगीतकार के द्वारा भव्य सांस्कृतिक संध्या। दिनॉंक 9 अक्टूबर को प्रातः जम्बूद्वीप स्थित 78 अकृत्रिम चैत्यालयों का अभिषेक व अर्घ्य समर्पण का कार्यक्रम सम्पन्न किया जायेगा। मध्यान्ह में गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के 89 वें जन्म दिवस के अवसर पर चरण प्रक्षाल, ग्रंथ समर्पण एवं मुख्य विनयांजलि सभा का आयोजन किया जायेगा। बहुआयामी कार्यक्रमों के द्वारा सम्पन्न होगा यह महोत्सव।

इसीक्रम में नवनिर्मित रक्षाबंधन मंदिर में आज भगवान मल्लिनाथ विराजमान किये गये। जिसका पुर्ण्याजन दिल्ली निवासी श्री प्रदीप कुमार ध.प. श्रीमती हेमलता जैन, खारीबावली, दिल्ली ने प्राप्त किया। इसी क्रम में मांगीतुंगी की रचना की प्रतिकृति पर भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा को विराजमान किया गया। जिसका पुर्ण्याजन श्रीमती आरती जैन
ध.प. स्व.श्री प्रकाशचंदजैन शीशेवाले, प्रयाग को प्राप्त हुआ।
-विजय कुमार जैन, जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर