मुनि पुंगव श्री सुधा सागरजी के नेतृत्व में चंवलेश्वर के लिये बिजौलिया से चली रथयात्रा गजब ढा रही है, चित्र समेटे नहीं जा रहे, खुशियां बढ़ती जा रही है, जैसे तीर्थंकर समोशरण के लिये चतुर्विध संघ, लालायित हो बढ़ता आ रहा हाथी, घोड़े, रथ, ढोल, नगाड़े, श्रावकों का हजूम – गजब, अद्भुत आश्चर्यजनक, छह दिन में 80 किमी की यात्रा -बिजौलिया से चंवलेश्वर।
क्या अक्षय तृतीया सिर्फ आहारदान दिवस है? पूर्व में किए गए...
29 अप्रैल 2025 / बैसाख शुक्ल दौज/चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर देवाधिदेव श्री ऋषभदेव भगवान को वैसाख शुक्ल तृतीय को...