गिरनार 5वीं टोंक पर फिर जैन श्रावक की डंडे से पिटाई ॰ अब जैन समाज ऐसी घटनाओं से नहीं डरेगा, 02 जुलाई के निर्वाण दिवस पर दोगुने उत्साह के साथ पहुंचेगा

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॰ बहुत कर लिया अन्याय और गंडागर्दी, अब नहीं सहेंगे
॰ पुलिस वाले की मौजूदगी में पंडे गाली गलौज-मारपीट करते हैं, प्रशासन चुप रहता है
॰ हर अन्याय के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करनी जरूरी

13 जून 2025 / आषाढ़ कृष्ण दौज/चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
जैसा सभी जानते हैं, इस बार 22वें तीर्थंकर श्री नेमिनाथ जी के निर्वाण कल्याणक दिवस आषाढ़ शुक्ल सप्तमी यानि 02 जुलाई 2025 को बड़ी संख्या में निर्वाण लाडू उन्हीं की मोक्ष स्थली पर चढ़ाने की तैयारी बड़ी संख्या में जैन समाज कर रहा है, ऐसे में उनको डराने, धमकाने, मारपीट करने के कुचक्रों से अब वो डरने वाला नहीं।

चैनल महालक्ष्मी को पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुये शिरपुर अंतरिक्ष पार्श्वनाथ तीर्थ से जुड़े मालेगांव, वाशिम के आशीष प्रभाकर जैन ने बताया कि 24 मई को अपने परिवार के साथ वो दर्शन हेतु गिरनार पहुंचे। रात्रि एक बजे वे सीथे बण्डीलाल कारखाना की धर्मशाला पर रुके। तीन घंटे बाद ही यानि तड़के 4 बजे पहाड़ पर चढ़ना शुरू किया। पहली, दूसरी व तीसरी टोंक के दर्शन करने के बाद वे 8 बजे के लगभग पांचवीं टोंक यानि तीर्थंकर श्री नेमिनाथ की निर्वाणस्थली पर पहुंचे। कुछ समय पहले ही उन्होंने रास्ते में ब्रह्मचारिणी दीदी को देखा था। तब पांचवीं टोंक पर अन्य कोई जैन श्रद्धालु नहीं था।

उन्होंने चैनल महालक्ष्मी को बताया कि वे जैसे ही वहां पहुचे, महज 15 सेकेंड भी नहीं रुके, तब उनके पैर में थोड़ी मोच आ गई। इतने में ही पण्डे ने आकर गाली गलौज करना शुरू कर दिया, उसने कहा यहां जैनों का कुछ नहीं है, केवल पहली टोंक पर तुम्हारे मंदिर है, वही जाओ। उसने उसके हाथ से डंडा छीना और सिर पर वार किये, पीठ पर वार किये। सिर सूज गया, पीठ पर मार के निशान उभर आए। कुछ वार उन्होंने हाथ से रोके तो, वो हथेली का हिस्सा भी नीला पड़ गया।

क्या वहां सुरक्षा के लिये पुलिस वाले मौजूद नहीं थे? इस सवाल के जवाब में आशीष भैय्या ने बताया कि वहां एक पुलिस वाला भी मौजूद था, उसने पण्डे को नहीं रोका, बल्कि मुझसे बोला कि तुम नीचे जाओ, तुम्हारे वहीं मंदिर हैं, यहां कुछ नहीं। हैरानगी की बात है कि रक्षक ही भक्षक का साथ देता है।


क्या आपने मेडिकल करवाया, पुलिस में शिकायत दर्ज की? चैनल महालक्ष्मी के इस सवाल पर उन्होंने इंकार किया। बोले कि मुझे परिवार के साथ तुरंत वापस जाना था, इसलिए वो शिकायत दर्ज नहीं करा सके।
उन्होंने एक लिखित शिकायत गुजरात अंचल तीर्थक्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष पारस बज व महीपाल जी बण्डीलाल कारखना के ट्रस्टीगण को लिखकर वहां दी।

इस बारे में चैनल महालक्ष्मी ने पारस बज जी से बात की, तो उन्होंने कहा कि पुलिस में शिकायत दर्ज करवानी चाहिए और मेडिकल भी। इसके लिए उन्होंने निर्मल ध्यान केन्द्र धर्मशाला के मैनेजर को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि वे तुरंत पीड़ित के साथ जाकर शिकायत दर्ज करायें, चाहे अकेले भी जाना पड़े, तो भी की जाये।

उन्होंने बताया कि इस तरह के हथकंडे अपनाकर वे जैन समुदाय के उत्साह को और तीर्थ पर आने से नहीं रोक सकते। बल्कि अब जैन समाज उनकी गंदी हरकतों को समझ गया है और वो दूने उत्साह से अपने गिरनार तीर्थ पर जाएगा। वहां 8 हजार लोगों के नि:शुल्क ठहरने, खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। इस पर पूरी जानकारी चैनल महालक्ष्मी के 3364 एपिसोड में देख सकते हैं।

चैनल महालक्ष्मी चिंतन :– ‘डर के आगे जीत है’ – अब जैन समाज को जागना होगा। पण्डों की गलत हरकतों का जवाब झगड़कर नहीं, अहिंसा, प्रेम, भाईचारे से देना होगा। बढ़-चढ़कर तीर्थ पर जाना होगा। कोई अप्रिय घटना होती है, तुरंत वहां शिकायत दर्ज करानी होगी।
वैसे प्रशासन व पुलिस की नकारा उपस्थिति संदेह उत्पन्न करती है। पुलिस सुरक्षा नहीं करती, बल्कि पण्डों को हवा देती है। वहां सीसीटीवी न लगना भी प्रशासन की कार्यवाही में संदेह उत्पन्न करती है।
निश्चित ही हमारी नियमित उपस्थिति और बढ़-चढ़कर शांति व अहिंसात्मक रवैये से यात्रा करना, अपने तीर्थ को सुरक्षित रख सकती है। 02 जुलाई को दोगुने उत्साह के साथ पहुंचिये।