काकंदी नगर के महाराजा सुग्रीव की महारानी जय रामा देवी के गर्भ से मंगसिर शुक्ल एकम को ९ वे तीर्थंकर श्री पुष्पदंत जी का जन्म हुआ। तीर्थंकर श्री चंद्रप्रभु के मोक्ष जाने के 90 करोड़ सागर के बाद आपका जन्म हुआ । आपका कद 125 धनुष और आयु 200000 वर्ष पूर्व थी। उल्कापात को देखकर आपको वैराग्य हो गया और मंगसिर शुक्ल एकम को 1000 राजाओं के साथ पुष्पक वन में अपराह्न काल में नाग वृक्ष के नीचे दीक्षा ली। आपने 4 वर्ष तक तप किया। बोलिए तीर्थंकर श्री पुष्पदंत जी की जय।
क्या अक्षय तृतीया सिर्फ आहारदान दिवस है? पूर्व में किए गए...
29 अप्रैल 2025 / बैसाख शुक्ल दौज/चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर देवाधिदेव श्री ऋषभदेव भगवान को वैसाख शुक्ल तृतीय को...