॰ सोना-चांदी मंदिरों में रहेगा, तो भगवान खतरे में रहेंगे
– गणिनी आर्यिका श्री स्वस्ति भूषण माताजी
31 मई 2025 / जयेष्ठ शुक्ल पंचमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
जहाजपुर का तीर्थंकर मुनिसुव्र्रतनाथ जी के अतिशयकारी तीर्थ स्वस्तिधाम जिनालय में 22 -23 मई 2025 की मध्य रात्रि में 12 से एक के बीच डेढ़ करोड़ रुपये मूल्य की बहुमूल्य धातुओं के सामान की चोरी हुई और पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद हो गया।
स्वस्तिधाम से सेंधमारी कर 13.5 ग्राम सोने व 3 किलो चांदी से निर्मित मूल वेदी का भामंडल,आगे बना रजत लांछन ‘कछुआ’ व श्री यंत्रों की चोरी हुई। 23 मई की सुबह इसकी जानकारी मिलने पर मंदिर कमेटी के महामंत्री पारस कुमार जैन जब थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा रहे थे, तब गणिनी आर्यिका श्री स्वस्ति भूषण माताजी जिनालय में सम्बोधन दे रहीं थी कि चिंता मत कीजिए। ये अतिशयकारी मुनिसुव्रत भगवान के दरबार से जो कुछ गया है सब वापस आ जाएगा।
उधर मामले की संवेदनशीलता और धार्मिक भावनाओं के जुड़ा होने के कारण पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह के निर्देशन में विशेष टीमों का गठन किया गया। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे आरोपी का गहन विशलेषण कर आरोपी के हुलिए के आधार पर उसकी गतिविधियों की तस्कीद की गई।
और फिर 28 मई को, यानि घटना के 5वें दिन बूँदी के निकट से चोरी की गई समस्त चीजें यथावत प्राप्त हो गई। माता जी ने जो कहा, वही हुआ यानि बिना किसी क्षति के पूरा सामान बरामद।
पर चोरी किसने की यह सबसे ज्यादा चौंकाने वाला था। चैनल महालक्ष्मी टीम गत माह स्वस्ति धाम में माताजी व तीर्थ के दर्शन करने गई थी, तब वहां एक धार्मिक चैनल की ओर से नियमित कवरेज कर रहे 23 साल के राजाराम उर्फ राज से बात भी हुई। क्या वही चोर, लुटेरा बन जाएगा। इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। पर उसने बूंदी के ही थाना दबलाना के हीरा का बाड़ा (धोबड़ा) के ही अपने साथी बलराम के साथ इस बड़ी चोरी की साजिश रची।
जो रोजाना श्रावकों को जहाजपुर के शांतिधारा-अभिषेक के दृश्य दिखाता, माताजी के उद्बोधन दिखाता, वही आस्था पर चोट करेगा? उस पर लाखों का कर्जा हो गया था और धार्मिक चैनल का कैमरामेन से लुटेरा बन गया। उसी मंदिर को निशाना बना लेगा, चोरी का मास्टरमाइंड बन जाएगा, अब चैनलों के अजैन कैमरामेनों पर एक नया विवाद शुरू होगा।
उधर गणिनी आर्यिका श्री स्वस्ति भूषण माताजी ने कहा कि अगर हम जिनालयों में सोना-चांदी इकट्ठा कर रहे हैं और और इसी कारण भगवान खतरे में हैं। मैं नहीं चाहती थी कि स्वस्ति धाम में सोने चांदी की वस्तु रखी जाये, पता नहीं कैसे अनुमति दे दी। ये चतुर्थ काल के नहीं, पंचम काल के समोशरण हैं, ऐसे में इन्हें सोने-चांदी से दूर रखकर ही जिनालय, भगवान सुरक्षित रह पायेंगे।
इस पर पूरी जानकारी चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नं. 3355 में देख सकते हैं।
एक धार्मिक चैनल का अजैन कैमरामेन ही चोरी करता है, तो अब सवाल खड़ा होगा कि जिनालयों में कर्मचारी हो या कोई कैमरामेन, जैसे बाहर के लोग, सभी जैन को रखकर सुरक्षा को मजबूत माना जा सकता है, वहीं माताजी का यह कहना है कि जिनालयों में सोने-चांदी की उपस्थिति भगवान को खतरे में डाल सकती है, बहुत विचारणीय व चिंतनीय संदेश है, जिनालयों की सुरक्षा के लिए।