84 लाख वर्ष की आयु और तीर्थकाल 54 सागर 21 लाख वर्षों में पॉन पल्य का धर्म विच्छेद वाले 11वें तीर्थंकर का मोक्ष कल्याणक दिवस

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30 अगस्त 2022/ श्रावण शुक्ल चतुर्दशी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी /
सावन शुक्ल पूर्णिमा, हां यही दिन है, जब एक माह के भोग निवृत्ति काल के बाद, 11वें तीर्थंकर श्री श्रेयांश नाथ जी, संकुल कूट से 1000 महामुनिराज के साथ, धनिष्ठा नक्षत्र में, पूर्वान्ह काल में सिद्धालय गए।

इसी कूट से 96 कोड़ा कौड़ी 96 करोड़ 96 लाख 9542 मुनिराज भी सिद्धालय गए हैं। इस कूट की निर्मल भावों से वंदना करने से, एक करोड़ प्रोषध उपवास का फल मिलता है। 84 लाख वर्ष की आयु वाले तीर्थंकर श्री श्रेयांश नाथ जी का तीर्थ प्रवर्तन काल 54 सागर 21 लाख वर्षों में पॉन पल्य का कम, धर्म विच्छेद के कारण रहा ।

श्रेयांशनाथ जिनराज का, संकुल कूट है जेह।
मन, वच, तन, पूज हूं, शिखर सम्मेद यजेह।।