1920 में कोहिमा में निर्मित यह जैन मंदिर , दुसरे विश्व युद्ध के दौरान मूर्तियों को यहाँ से कहीं और स्थानांतरित कर दिया गया था, फिर 62 वर्षो के पश्चात् आचार्य श्री दया सागर जी के सानिध्य में 2003 में वापस यहाँ विराजमान किया गया दश॔न कीजिये ।
गिरनार 5वीं टोंक पर फिर जैन श्रावक की डंडे से पिटाई...
॰ बहुत कर लिया अन्याय और गंडागर्दी, अब नहीं सहेंगे
॰ पुलिस वाले की मौजूदगी में पंडे गाली गलौज-मारपीट करते हैं, प्रशासन चुप रहता है
॰...