नज़र टेढ़ी कर, देखकर,आप का मुस्काना, हम सबके लिए लाये खुशियों का तराना

0
1042

यह मंद मधुर मुस्कान, सदा चेहरे पर बिखरी रहती है
वाणी कल्याणी है अनुपम, करुणा के झरने झरती है

नज़र टेढ़ी कर, देखकर,आप का मुस्काना,
हम सबके लिए लाये खुशियों का तराना

संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी के चरणों में बारम्बार नमन