पर की सफाई में पूरी पर्याय नष्ट कर दी , निज की सफाई कर लेता तो पर की सफाई करने की आवश्यकता क्या – आचार्यरत्न विशुद्धसागरजी महराज

0
500

28 अप्रैल 2022/ बैसाख कृष्णा त्रयोदिशि /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/

पर की सफाई में पूरी पर्याय नष्ट कर दी है । निज की सफाई कर लेता तो पर की सफाई करने की आवश्यकता क्या थी ?

धिक्कार हो उन जीवों को जो जगत् की आँखों को साफ करने के लिए आए हैं धन्य है उन जीवों को जो निज की आँख को साफ कर रहे हैं

भैया ! दूसरे की आँख साफ करके तुझे कभी अच्छा नहीं दिख पाएगा । अच्छा देखना चाहते हो तो निज की आँख साफ करो

जगत में अनंतानंत अज्ञानी, मढ़ प्राणी हैं , जो दूसरे की आँख के कीचड को साफ कर रहे हैं , जबकि यदि अपनी आँख साफ हो जाती तो आत्मा का दिखना प्रारम्भ हो जाता
– वैभब बड़ामलहरा & पनिराज हेगड़े (कर्नाटक)