तीन जगह विहारों में दुर्घटना नहीं, जैन संतों की निर्मम हत्यायें ॰ राजस्थान पुलिस ने दोषी ड्राइवर को पकड़कर छोड़ा

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॰ मुनि द्वारा आंखों देखे विवरण में बताया कि मिनी ट्रक ने दो बार आकर सिर कुचला
॰ 70 वर्षीय, 18 भाषाओं के ज्ञानी आचार्य की पाली में की गई हत्या
॰ जैन समाज को सुरक्षित विहार के लिये होना होगा गंभीर
06 जून 2025 / जयेष्ठ शुक्ल दशमी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /

गत सप्ताह लगातार दो दिन बुधवार-गुरुवार, जैन समाज के लिये काला अध्याय बन गया। पहले बुधवार 28 मई को प्रात: 7 बजे राजस्थान के पाली से आगे, जाडन टोल के पास 10 अन्य संतों के साथ विहार कर रहे 18 भाषाओं के ज्ञानी, 70 वर्षीय आचार्य श्री पुंडरीक सूरिश्वरजी को पीछे से मिनी ट्रक ने टक्कर मारी। साथ चल रहे एक अन्य मुनि ने दावा किया है कि टक्कर मारने के बाद मिनी ट्रक ड्राइवर ने गाड़ी को थोड़ा पीछे कर, फिर उनके सिरको कुचल दिया और फरार हो गया।

फिर 6 जून को महासतीजी श्री तेजकंवरजी म सा के सुशिष्या पुज्य मधुसुदाजी म सा का भरुच गुजरात के पास ट्रक द्वारा ऐकसीडेंट हो गया है महासतीजी म सा सिरीयस है भरुच असपताल मे भर्ती कराये गये हैं साथ मे व्हील चेयर वाली बाई की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गयी

पाली जिले के शिवपुरा थाना क्षेत्र के जाडन हाइवे पर स्थित पेट्रोल पम्प के पास इस हादसे के बाद जैन आचार्य को बांगड अस्पताल ले गये, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

आचार्य श्री मिट्स कालेज से विराट धाम के लिये 10 किमी का विहार कर रहे थे। मिनी ट्रक वाले ने जानबूझ कर मारी थी टक्कर, यह सड़क दुर्घटना नहीं, टारगेट किलिंग थी। 15 साल पहले इनके गुरु और गुरु भाई की भी इसी तरह दुर्घटना में टक्कर मारकर हत्या की गई थी।

पुलिस ने पीछा कर मिनी ट्रक जब्त कर लिया और ड्राइवर को भी पकड़ लिया। हैरानगी तब हुई जब बाद में पुलिस ने उसे छोड़ दिया, इससे जैन समाज में रोष व्याप्त हो गया।


उधर अगले दिन गुरुवार 29 मई को प्रवर्तक श्री प्रकाश मुनि म.सा. के शिष्य मुनि श्री अभिनंदन म.सा. को विहार में वाहन से टक्कर हुई और मृत्यु हो गई। उनको भी वाहन ने 100 फीट तक घसीटा। यह हादसा गुजरात में अशोक मेहता फैक्ट्री से बारडोली के बीच हुआ।

वर्तमान में लगातार विहार में इस तरह की दुर्घटनाओं की सूचनायें आ रही हैं। पर जैन समाज संतों के विहार के प्रति सजग-सावधान नहीं हो रहा। न ही पुलिस को विहार की सूचना दी जाती है, न ही पर्याप्त संख्या में श्रावक विहार में होते हैं।

इधर पाली हादसा जो महज दुर्घटना नहीं, स्पष्ट हत्या थी, उसमें पुलिस ने दोषी मिनी ट्रक ड्राइवर को पकड़ने के बाद रिहा कर देना और भी स्थिति में संदेहास्पद बातों को जन्म देता है।
इस बारे में पूरी जानकारी चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नं. 3357 से प्राप्त की जा सकती है।

सान्ध्य महालक्ष्मी चिंतन: जैन समाज अपने पूजनीय संतों के सुरक्षित विहार के लिये गंभीर नहीं हो रहा तथा पश्चिमी बेल्ट में विहार दुर्घटनायें जानबूझकर करना, स्थिति को और भी खतरनाक बना रहा है। ऐसे में दोषियों पर पूरी कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए समाज को आगे आना होगा। वरना यह स्थिति और भयावह होती जायेगी। जागो, जैनी भाई, जागो।