पार्श्वनाथ भगवान की प्राचीन प्रतिमा जो कि नगपुरा ग्राम(दुर्ग छ.ग.) में बस्ती के बीचों बीच “नागदेवता”, क्या मंदिर में विराजमान करना आवश्यक नहीं

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23 अप्रैल 2022/ बैसाख कृष्णा अष्टमी/चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान की प्राचीन प्रतिमा जो कि नगपुरा ग्राम(दुर्ग छ.ग.) में बस्ती के बीचों बीच “नागदेवता” के रूप में ग्रामीणों द्वारा पूजी जाती है।

यह मंदिर “नागदेवता का मंदिर” के नाम से आसपास में प्रसिद्ध है।

” अब आप बताइए नए मंदिर , नये जिनबिम्ब विराजमान करना आवश्यक है ??… अथवा इधर-उधर विखरे इन मनोहारी , भव्य , व अतिशयकारी प्रतिमाओं को भव्यातिभव्य बेदी पर विराजमान करना अतिआवश्यक