॰ जैन समाज को अपने जिनालयों की ढाल बनना होगा
॰ लगातार हो रहे जिनालयों पर हमले, बदलाव
05 जून 2025 / जयेष्ठ शुक्ल दशमी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
अभी जैन समाज के मुम्बई के विले पार्ले दिगंबर जैन मंदिर तोड़े जाने के घाव भरे नहीं कि दिल्ली के पड़ोस मेरठ के सरस्वती लोक कालोनी में बी-87 भवन के दिगंबर जैन श्री आदिनाथ चैत्यालय व संत भवन तोड़े जाने की खबर मेरठ के जागरण अखबार में शीर्षक ‘मेडा ने सरस्वती लोक स्थित जैन मंदिर ध्वस्त करने का दिया आदेश’ के अन्तर्गत 29 मई 2025 को छपी। ऐसा कोई नोटिस न मंदिर को मिला, न वहां की कमेटी के किसी सदस्य को।
अखबार की खबर के अनुसार मेरठ विकास प्राधिकरण ने स्थानीय निवासी व अधिवक्ता दशमीत सिंह की शिकायत पर ध्वस्त करने के आदेश जारी किये। शिकायत में कहा गया है कि अवासीय भवन में मंदिर बनाया गया है और किसी घर को मंदिर बना कर उपयोग में लाना गलत है।
इस मंदिर के महामंत्री अशोक जैन ने चैनल महालक्ष्मी को बताया कि भाजपा महानगर के अध्यक्ष विवेक रस्तोगी के नेतृत्व में जैन समाज के लोगों ने मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी संजय मीणा से मुलाकात की व एक पत्र भी सौंपा।
अध्यक्ष ने मंदिर की जानकारी देते हुये लिखा कि सरस्वती लोक कालोनी में भवन बी-87, सरस्वती लोक कालोनी, मेरठ स्थानीय समाज ने जैन सामुदायिक सामाजिक संत भवन बनाया है, जिसमें समय-समय पर जैन संतों का आयोजन होता रहता है। हमारे जैन संत एक शहर से दूसरे शहर पैदल विहार करते हैं, उनके रात्रि विश्राम, आहार की व्यवस्था एवं उनके ध्यान व प्रवचन के उद्देश्य के लिये बनाया गया है। इस संत भवन के पास दशमीत सिंह आॅबराय नाम का व्यक्ति जो अपने को हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट का वकील बताता है, वह लालची प्रवृत्ति का है। जैन धर्म के प्रति द्वेष की भावना रखता है। इसी कारण सभी श्रावकों को धमकाता रहता है और धमकी देता है कि मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी से मेरे सीधे ताल्लुकात हैं, उनसे कह कर मैं आपके संत भवन एवं चैत्यालय को गिरवा दूंगा।
उपरोक्त आरोपों के साथ पत्र में यह भी लिखा है कि वह पदाधिकारियों से दस लाख एकमुश्त और 20 हजार रुपये महीना मांगता है, नहीं दिये जाने पर आपके धार्मिक स्थल को ध्वस्त करा दूंगा। इस तरह की बातें पत्र में लिखी, जिस पर अनेक ने हस्ताक्षर किये।
मेडा का कहना है कि किसी एक की शिकायत पर वो कार्यवाही नहीं करता। वीसी ने पूरे दस्तावेज देखने का आश्वासन दिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है और अधिकारियों से बातचीत कर समस्या का समाधान निकाला जाएगा।
पूरी जानकारी चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नं. 3356 में देखी जा सकती है।
सान्ध्य महालक्ष्मी चिंतन : जैन समाज को अपने धर्मायतनों की सुरक्षा के लिये आसापास से मिलकर रहना आज जरूरी हो गया है। उधर समाज की एकता भी जरूरी है। अपने जिनालयों के कागजात पूरे रखें। वर्तमान में हर तरफ से हो रहे हमलों में हमें कानूनी रूप से मजबूत होना होगा, वर्ना कोई भी, कभी भी कैसा कदम उठाकर चोट पहुंचाने में देर नहीं लगाएगा, जैसा इस केस में।