दिल्ली नगर निगम चुनाव में कैसी रही हालत जैन उम्मीदवारों की, जानिये #mcdelectionresult

0
470

07 दिसंबर 2022/ मंगसिर शुक्ल पूर्णिमा /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी exclusive
हो गई आज घोषणा, दिल्ली के नगर निगम चुनावों की, जो 4 तारीख को डाले गए और 3 दिन बाद आज 7 तारीख को घोषित कर दिए गए। इसमें गजब की बात रही की 15 साल से इस निगम में काबिज भारतीय जनता पार्टी को आप ने हराकर, उस पर कब्जा कर लिया ।

इस बार जैनों को 8 वार्ड से टिकट मिली। भाजपा ने एक, कांग्रेस से दो और आम आदमी पार्टी ने पांच जगह से टिकट दी जैन समाज को । मात्र 8 टिकट मिलने पर बहुत ज्यादा रोष रहा जैन समाज में। पर अब परिणाम जानते हैं कि 8 उम्मीदवारों का प्रदर्शन कैसा रहा । भाजपा ने सदर बाजार वार्ड नंबर 72 से पिंकी जैन को टिकट दी, जिसे आप के की उषा शर्मा ने 4733 मतों से हराया। पिंकी जैन को 9037 मत मिले, वहीं आप की उषा शर्मा को 13770 ।आम आदमी पार्टी के 5 जैन में से 2 सीटों पर जैन उम्मीदवार जीते।

पहली सीट रही बुद्ध विहार वार्ड नंबर 25, जहां आप के अमृतलाल जैन ने 11976 मत पाए और उन्हें भाजपा के राजपाल गर्ग के 9301 पर 2675 मतों से विजय प्राप्त की। वही वसंत विहार वार्ड नंबर 153 में हिमानी जैन ने 10618 मत प्राप्त किए और उन्होंने भाजपा की राजरानी को 8007 मत पाने के बाद 2611 मतों से हराया। कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे रोहिणी ऐ से जगदीश जैन और हरि नगर वार्ड नंबर 99 से दिनेश जैन, दोनों ही तीसरे नंबर पर रहे। आप की टिकट पर लड़े 226 वार्ड से गौतमपुरी में अनिल जैन तीसरे नंबर पर रहे।

शालीमार बाग वार्ड नंबर 57 में आप से संजू जैन भी, भाजपा के अमित नागपाल से हार गए और आनंद विहार वार्ड नंबर 206 से राहुल जैन को 10473 मत मिले और उन्हें भाजपा की मोनिका पंत ने 13137 मत प्राप्त कर, 2664 मतों से हराया। इन सब में कहा जाए, सबसे ज्यादा मत जैन उम्मीदवार को पाने वाले बुध विहार से अमृत लाल जैन रहे।

अपने अपने प्रदर्शन पर जहां राजनीतिक पार्टियां अपना मंथन कर रही हैं, वह जैन समाज को भी मंथन करना होगा कि कहां पर क्या चूक हुई कि हम अपने जैन बंधु को ही मत नहीं डालते। ऐसा इन सीटों पर भी स्पष्ट दिखा कई जगह जैन उम्मीदवार भाजपा की ओर झुके, तो कहीं पर , जैन मत देने ही नहीं पहुंचे।

अगर ऐसा ही होता रहा, तो वह दिन दूर नहीं , जब बड़ी राजनीतिक पार्टियां जैनों को उम्मीदवार बनाने से वंचित कर देंगी । अब भी समाज में कुछ करने करने का समय है । जब तक समाज में अपनी स्थिति उपस्थिति मजबूत नहीं होगी, तब तक सीटे निकालना जैनों के लिए भारी पड़ेगा । 8 उम्मीदवार खड़े हुए और उसमें से दो जीते।
– शरद जैन