ईसवी संवत से 518 वर्ष पूर्व काम्यकवन (कामवन) में राजा कामसेन का राज था, यह दिल्ली के गांवों में आता था। आदिनाथ मन्दिर में टैंक की खुदाई में मिल रही है, प्रतिमाएं या प्रतीक चिन्ह इस बात का द्योतक है कि उस समय यह नगरी जैनत्व का स्वर्णिम काल रही होगी, अभी-अभी प्राप्त एक और प्रतिमा का विशेष इस बात को सिद्ध कर रही है। आवश्यकता है अधिक खोज करवाने की,और मिल रही सम्पदा को सुरक्षित रख इतिहास को सहजने की।
क्या अक्षय तृतीया सिर्फ आहारदान दिवस है? पूर्व में किए गए...
29 अप्रैल 2025 / बैसाख शुक्ल दौज/चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर देवाधिदेव श्री ऋषभदेव भगवान को वैसाख शुक्ल तृतीय को...