ईसवी संवत से 518 वर्ष पूर्व काम्यकवन (कामवन) में राजा कामसेन का राज था, यह दिल्ली के गांवों में आता था। आदिनाथ मन्दिर में टैंक की खुदाई में मिल रही है, प्रतिमाएं या प्रतीक चिन्ह इस बात का द्योतक है कि उस समय यह नगरी जैनत्व का स्वर्णिम काल रही होगी, अभी-अभी प्राप्त एक और प्रतिमा का विशेष इस बात को सिद्ध कर रही है। आवश्यकता है अधिक खोज करवाने की,और मिल रही सम्पदा को सुरक्षित रख इतिहास को सहजने की।
गिरनार 5वीं टोंक पर फिर जैन श्रावक की डंडे से पिटाई...
॰ बहुत कर लिया अन्याय और गंडागर्दी, अब नहीं सहेंगे
॰ पुलिस वाले की मौजूदगी में पंडे गाली गलौज-मारपीट करते हैं, प्रशासन चुप रहता है
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