वात्सल्य रत्नाकर, निमित्त ज्ञानी आचार्य श्री 108 विमल सागर जी महाराज के आशीर्वाद से निर्मित “आचार्य महावीरकीर्ति दिगम्बर जैन सरस्वती भवन, राजगीर” में 10 फरवरी 2021 श्री 108 श्रमण विशल्य सागर जी मुनिराज ससंघ द्वारा यहाँ रखी प्राचीन हस्तलिखित पाण्डुलिपियाँ, ग्रंथ, हस्तनिर्मित चित्रकला दीर्घा का अवलोकन किया गया। साथ ही उनके सौजन्य से प्रकाशित पुस्तकें भेंट की गई ताकि यहाँ आने वाले दर्शनार्थी इसका धर्मलाभ ले सके।
कुंडल सिद्ध अतिशय क्षेत्र – 3000 वर्ष प्राचीन पारस प्रतिमा खंडित-...
क्षुल्लक प्रसन्न सागर जी की आंखें भर आई
कल विशाल मूक मोर्चा की तैयारी
॰ जहां पुजारी15 दिन में करता अभिषेक
॰ जहां श्रावक दर्शन के...