चातुर्मास कलश के साथ तीर्थ सुरक्षा कलश की भी हो स्थापना ॰ तीर्थक्षेत्र कमेटी की सभी कमेटियों से अपील

0
1105

॰ सिंदूर आपरेशन की सफलता मिली हमारे मजबूत सुरक्षा कवच से
15 मई 2025 / जयेष्ठ कृष्ण तृतीया/चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
2025 के वर्षायोग की घोषणायें होने लगी हैं। आचार्य श्री विशुद्ध सागरजी का पथरिया में, आचार्य श्री प्रसन्न सागरजी का मुरादनगर के तरुण सागरम् तीर्थ पर, आचार्य श्री पुलक सागजी व आचार्य श्री विहर्ष सागरजी का उदयपुर में, आचार्य श्री विशद सागरजी का सुदामा नगर इन्दौर, मुनि श्री आदित्य सागरजी का जयपुर, मुनि श्री असत्क्यि सागरजी जलगांव, मुनि श्री समत्व सागरजी शाहगढ़, मुनि श्री सौम्य सागरजी टीकमगढ़, मुनि श्री सारस्वत सागरजी नांद्रे, मुनि श्री प्रणुत सागरजी उज्जैन, आर्यिका श्री सुनिधिमति माताजी घाटा के गांव डूंगरपुर आदि कुछ की घोषणायें हो गई हैं।

इस बीच भारतवर्षाय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी अनेक संतों के पास जाकर दर्शन के साथ अपना निवेदन भी कर रही है कि वर्षायोग 2025 में कलश स्थापना के साथ एक और कलश ‘तीर्थ सुरक्षा कलश’ की भी स्थापना हो।

आज जब आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान द्वारा शर्मसार 700-800 ड्रोन व अनेक मिसाइलों, फाइटर निवमानों से जब हमला करने की नापाक कोशिश की गई, तो भारत ने अपने मजबूत डिफेंस सिस्टम से सब चकनाचूर कर दिया। तीर्थक्षेत्र कमेटी सभी वर्षायोग कमेटियों से भी यही विनम्र अनुरोध करती है कि यही मजबूत डिफेंस आज दिगंबर जैन तीर्थों के लिये भी आवश्यक है, जैसे तीर्थों की बाउण्ड्री वॉल। जहां जीर्णोद्वार की आवश्यकता है, वहां कार्य शुरू किया जाये। जैसे भारत सरकार इस डिफेंस (रक्षा) के लिये बजट में प्रावधान रखती है, उसी तरह तीर्थों के लिए अब तीर्थ सुरक्षा कलश भी उसी रूप में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जंबू प्रसाद जैन इसमें महत्वपूर्ण पहल कर रहे हैं। उन्होंने सान्ध्य महालक्ष्मी को एक भेंट में बताया कि तीर्थक्षेत्र कमेटी ऐसे प्रयास कर रही है कि वर्षायोग कमेटी की अगर मांग हुई तो उनको तीर्थ सुरक्षा कलश उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इससे मिलने वाली राशि को तीर्थक्षेत्र कमेटी 350 के लगभग प्राचीन तीर्थों के जीर्णोद्धार में ही लगायेगी।

यह तो ज्ञात होगा कि 22 अक्टूबर 2026 से 22 अक्टूबर 2027 तक तीर्थक्षेत्र कमेटी अपनी स्थापना का 125वां वर्ष तीर्थ सुरक्षा जागरूकता के रूप में मनायेगी। इस पर 125 वर्ष स्थापना समिति के चेयरमैन जवाहरलाल जैन जी ने कहा कि तीर्थों की सुरक्षा के आह्वान में जहां सहयोग हमें वंदनीय पूज्य साधु संतों के आशीर्वचनों व उद्बोधन के रूप में मिल रहा है, वहीं तीर्थों-जिनालयों की कमेटियां, श्रेष्ठीजनों के साथ समाज के विभिन्न वर्ग भी अलग-अलग रूप में सहयोग के लिये आगे आ रहे हैं।

इस कड़ी में 2025 वर्षायोग महत्वपूर्ण कड़ी होगा। जहां शुरूआत स्थापना के साथ ‘तीर्थ सुरक्षा कलश’ से होगी, वहीं पूजनीय संतों के सान्निध्य में ‘तीर्थ सुरक्षा जागरूकता’ पर विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे।

हां, एक महत्वपूर्ण जानकारी यह कि चातुर्मास कमेटियां तीर्थक्षेत्र कमेटी के साथ दिये जाने वाले तीर्थ सुरक्षा कलश हेतु चैनल महालक्ष्मी शरद जैन नं. 9910690823 या तीर्थक्षेत्र कमेटी के कैम्प आफिस में पियूष जैन 8168436048 से सम्पर्क कर सकते हैं।