5 जुलाई 2022/ आषाढ़ शुक्ल षष्ठी/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
22वें तीर्थंकर श्री नेमिनाथ जी, जिनका दीक्षा कल्याणक , ज्ञान कल्याणक और मोक्ष कल्याणक गिरनार जी की पावन धरा पर हुए और वही और उर्जयंत शिखर से आप आषाढ़ शुक्ल सप्तमी को सिद्धलय गए । आज वही धरा जहां पर आपके चरण भी पिछले 20 वर्षों पूर्व तक उकेरे हुए थे। उसी पांचवी टॉक की दीवार पर, आप की प्रतिमा उकेरी हुई थी । आज वह पावन धरा पास होते हुए भी, जैन समाज से बहुत दूर हो गई और लगातार चौथे वर्ष में भी जैन समाज को अपने ही सिद्ध क्षेत्र पर , अपने ही 22वें तीर्थंकर के मोक्ष कल्याणक के अवसर पर, निर्वाण लाडू चढ़ाने तक का अवसर नहीं मिला । चाहे अदालत ने बराबरी का अधिकार दिया हो , पर बहुसंख्यक के सामने अल्पसंख्यक जैसे समर्पण करने को तैयार हो गया है । आवाज नहीं उठती कि हम भी इस धरा पर, अपने ही 22वें तीर्थंकर का मोक्ष कल्याणक मनाते हुए, इस पावन तीर्थ पर निर्वाण लाडू चढ़ाएं ।
चैनल महालक्ष्मी इस पावन तिथि पर, अपने गिरनार जी पर समर्पित 2६ एपिसोड में से कुछ आपके अवलोकन के लिए , यहां लिंक के साथ दे रहा है कि पहचानिए अपने अतीत को, कि हम कितने ना काबिल , कायर , कमजोर , मजबूर हो गए हैं कि अपने ही तीर्थंकर के मोक्ष कल्याणक पर , उस धरा पर, उसे टोंक पर लाडू तक समर्पित करने से अपने को वंचित रखे हुए हैं । यहां पर आपको कुछ एपिसोडों के लिंक दिए जा रहे हैं, उनको देखिए और जानिए कि गिरनार जैनों का था, पर आज जैनों का क्यों नहीं है और भविष्य में क्या, यह जैनों का कभी कहला पाएगा।
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गिरनार – पांचवी टोंक ही नहीं, बदल रहे पूरा पहाड़
गुजरात CM को धन्यवाद -गिरनार जी से जिंदा लौट आये
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गिरनार किसका अधिकार, श्री नेमिनाथ जी- श्रीकृष्णजी भाई-भाई, उनके वंशजों को में क्यों हो लड़ाई
PM मोदी जी ने उतार दिया जैनियों को गिरनारजी की 5वीं टोंक से सीधा पहली टोंक पर
हमारा गिरनार, हमें ही म्याऊं
समय की पुकार , चलो #गिरनार
जितनी करोगे गिरनार वंदना, उतना सुरक्षित यह तीर्थ समझना