Facebook Instagram Linkedin Twitter Youtube
  • जैन JAIN
  • राष्ट्रीय समाचार
  • प्रवचन PRAVACHAN
  • विरासत HERITAGE
  • पर्व FESTIVAL
  • तीर्थ TEERTH
  • संत SAINT
    • आचार्य श्री कुंद कुंद
    • आचार्य श्री विद्यानंद
    • आचार्य श्री विद्यासागर
    • आचार्य श्री शांति सागर
  • चिंतन THOUGHT
  • जानिये KNOW
  • तीर्थंकर/Teerthankar
    • श्री ऋषभ नाथ जी
    • श्री चन्द्रप्रभ जी
    • श्री नेमिनाथ जी
    • श्री पद्मप्रभ जी
    • श्री पार्श्वनाथ जी
    • श्री महावीर स्वामी जी
    • श्री वासुपूज्य नाथ जी
    • श्री शांति नाथ जी
  • फोटो/ वीडियो PHOTO/VIDEO
  • सामाजिक SOCIAL
  • राजनीतिक POLITICAL
  • रोचक INTERESTING
  • लाइव LIVE
  • प्रेरक कहानी /कविता
  • विज्ञापन रेट/ Add. Rate
  • हमारे बारे में ABOUT US
  • E-paper
    • E-Paper Sandhyamahalaxmi
    • E-Paper Dainik Mahalaxmi
Search
Monday, June 16, 2025
Facebook Instagram Linkedin Twitter Youtube
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.
Channel Mahalaxmi
  • जैन JAIN
    • विले पार्ले का घाव भरा नहीं, अब मेरठ मंदिर ध्वस्त करने…

      तीन जगह विहारों में दुर्घटना नहीं, जैन संतों की निर्मम हत्यायें…

      यह कैसी साधुओं का नज़रअन्दाज़ करने वाली, कुर्सी चिपकू दिल्ली के…

      सिरफिरे आशिक ने की जैन बिटिया की निर्मम हत्या ॰ दिल्ली…

      स्वस्तिधाम : डेढ़ करोड़ की चोरी॰ चोर धार्मिक चैनल का ही…

  • राष्ट्रीय समाचार
    • जैन इतिहास का सबसे दर्दनाक हादसा! मुआवज़ा देने में भी जैनों…

      मोदी जी! दस सालों में बदल गये: शाकाहारी झंडा उठाने…

      शाकाहार अहिंसा का शंखनाद करने वाले जैन समाज ही नहीं, …

      विदेश से युवा दंपत्ति की गुहार ,जैन बिटिया को छोड़ दो…

      राष्ट्रीय ध्वज में मौजूद धर्म चक्र में 24 तीलियां बनी हुई…

  • प्रवचन PRAVACHAN
  • विरासत HERITAGE
  • पर्व FESTIVAL
  • तीर्थ TEERTH
  • संत SAINT
    • आचार्य श्री कुंद कुंद
    • आचार्य श्री विद्यानंद
    • आचार्य श्री विद्यासागर
    • आचार्य श्री शांति सागर
  • चिंतन THOUGHT
  • जानिये KNOW
  • तीर्थंकर/Teerthankar
    • श्री ऋषभ नाथ जी
    • श्री चन्द्रप्रभ जी
    • श्री नेमिनाथ जी
    • श्री पद्मप्रभ जी
    • श्री पार्श्वनाथ जी
    • श्री महावीर स्वामी जी
    • श्री वासुपूज्य नाथ जी
    • श्री शांति नाथ जी
  • फोटो/ वीडियो PHOTO/VIDEO
  • सामाजिक SOCIAL
  • राजनीतिक POLITICAL
  • रोचक INTERESTING
  • लाइव LIVE
  • प्रेरक कहानी /कविता
  • विज्ञापन रेट/ Add. Rate
  • हमारे बारे में ABOUT US
  • E-paper
    • E-Paper Sandhyamahalaxmi
    • E-Paper Dainik Mahalaxmi
Home जैन JAIN प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2550वें श्री महावीर निर्वाण महामहोत्सव समारोह,...
  • जैन JAIN
  • सामाजिक SOCIAL

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2550वें श्री महावीर निर्वाण महामहोत्सव समारोह, भारत मंडपम , नई दिल्ली में क्या कहा 23 मिनट में शब्द दर शब्द

By
Channel Mahalaxmi
-
April 22, 2024
0
852
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

    21अप्रैल 2024 / चैत्र शुक्ल त्रयोदशी/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
    प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
    जय जिनेंद्र, जय जिनेंद्र, जय जिनेंद्र, राष्ट्रसंत परम्पराचार्य श्री प्रज्ञसागर जी मुनिराज, उपाध्याय पूज्य श्री रविन्द्रमुनि जी महाराज साहिब, साध्वी श्री सुलक्षणाश्री जी महाराज साहिब, साध्वी श्री अणिमाश्री जी महाराज साहिब, सरकार में मेरे सहयोगी अर्जुनराम मेघवाल जी, श्रीमती मीनाक्षी लेखी जी, उपस्थित सभी पूज्य संतगण, भाइयों और बहनों!

    भारत मंडपम् का ये भव्य भवन आज भगवान महावीर के दो हजार पांच सौ पचासवें निर्वाण महोत्सव के आरंभ का साक्षी बन रहा है। अभी हमने भगवान महावीर के जीवन पर विद्यार्थी मित्रों द्वारा तैयार किए गए चित्रण को देखा! युवा साथियों ने ‘वर्तमान में वर्धमान’ सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी की। हमारे अनादि मूल्यों के प्रति, भगवान महावीर के प्रति युवा पीढ़ी का ये आकर्षण और समर्पण, ये विश्वास पैदा करता है कि देश सही दिशा में जा रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुझे विशेष डाक टिकट और सिक्के रिलीज़ करने का सौभाग्य भी मिला है।

    ये आयोजन विशेष रूप से हमारे जैन संतों और साध्वियों के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से संभव हुआ है। और इसलिए, मैं आप सभी के चरणों में प्रणाम करता हूँ। मैं समस्त देशवासियों को महावीर जयंती के इस पवित्र अवसर पर अपनी शुभकामनाएं देता हूं। आप सब तो जानते हैं, चुनाव की इस भागदौड़ के बीच, इस तरह के पुण्य कार्यक्रम में आना मन को बहुत ही शाता देने वाला है। पूज्य संतगण, आज इस अवसर पर मुझे महान मार्गदर्शक समाधिस्त आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का स्मरण होना स्वाभाविक है। पिछले ही वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रागिरी मंदिर में मुझे उनका सानिध्य मिला था। उनका भौतिक शरीर भले ही हमारे बीच नहीं है, लेकिन, उनके आशीर्वाद जरूर हमारे साथ हैं।

    साथियों,
    भगवान महावीर का ये दो हजार पांच सौ पचासवां निर्वाण महोत्सव हजारों वर्षों का एक दुर्लभ अवसर है। ऐसे अवसर, स्वाभाविक रूप से, कई विशेष संयोगों को भी जोड़ते हैं। ये वो समय है जब भारत अमृतकाल के शुरुआती दौर में है। देश आज़ादी के शताब्दी वर्ष को स्वर्णिम शताब्दी बनाने के लिए काम कर रहा है। इस साल हमारे संविधान को भी 75 वर्ष होने जा रहे हैं। इसी समय देश में एक बड़ा लोकतान्त्रिक उत्सव भी चल रहा है। देश का विश्वास है यहीं से भविष्य की नई यात्रा शुरू होगी। इन सारे संयोगों के बीच, आज हम यहां एक साथ उपस्थित हैं। और आप समझ गए होंगे मैं एक साथ उपस्थित होने का मतलब क्या होता है? मेरा आप लोगों से जुड़ाव बहुत पुराना है। हर फिरकी की अपनी एक दुनिया है।

    भाइयों बहनों,
    देश के लिए अमृतकाल का विचार, ये केवल एक बड़ा संकल्प ही है ऐसा नहीं है। ये भारत की वो आध्यात्मिक प्रेरणा है, जो हमें अमरता और शाश्वतता को जीना सिखाती है। हम ढाई हजार वर्ष बाद भी आज भगवान महावीर का निर्वाण-दिवस मना रहे हैं। और हम ये जानते हैं कि, आगे भी कई हजार वर्ष बाद भी ये देश भगवान महावीर से जुड़े ऐसे उत्सव मनाता रहेगा। सदियों और सहस्राब्दियों में सोचने का ये सामर्थ्य…ये दूरदर्शी और दूरगामी सोच…इसीलिए ही, भारत न केवल विश्व की सबसे प्राचीन जीवित सभ्यता है, बल्कि, मानवता का सुरक्षित ठिकाना भी है। ये भारत ही है जो ‘स्वयं’ के लिए नहीं, ‘सर्वम्’ के लिए सोचता है। ये भारत ही है जो ‘स्व’ की नहीं, ‘सर्वस्व’ की भावना करता है। ये भारत ही है, जो अहम् नहीं वयम् की सोचता है। ये भारत ही है जो ‘इति’ नहीं, ‘अपरिमित’ में विश्वास करता है। ये भारत ही है, जो नीति की बात करता है, नेति की भी बात करता है। ये भारत ही है जो पिंड में ब्रह्मांड की बात करता है, विश्व में ब्रह्म की बात करता है, जीव में शिव की बात करता है।

    साथियों,
    हर युग में जरूरत के मुताबिक नए विचार आते हैं। लेकिन, जब विचारों में ठहराव आ जाता है, तो विचार ‘वाद’ में बदल जाते हैं। और ‘वाद’ विवाद में बदल जाते हैं। लेकिन जब विवाद से अमृत निकलता है और अमृत के सहारे चलते हैं तब हम नवसर्जन की तरफ आगे बढ़ते हैं। लेकिन अगर विवाद में से विष निकलता है तब हम हर पल विनाश के बीज बोते हैं। 75 साल तक आजादी के बाद हमनें वाद किया, विवाद किया, संवाद किया और इस सारे मंथन से जो निकला, अब 75 साल हो गए, अब हम सबका दायित्व है कि हम उससे निकले हुए अमृत को लेकर के चलें, विष से हम मुक्ति ले लें और इस अमृतकाल को जी कर के देखें। वैश्विक संघर्षों के बीच देश युद्ध-रत हो रहे हैं। ऐसे में, हमारे तीर्थंकरों की शिक्षाएं और भी महत्वपूर्ण हो गईं हैं। उन्होंने मानवता को वाद-विवाद से बचाने के लिए अनेकांतवाद और स्यात्-वाद जैसे दर्शन दिये हैं। अनेकांतवाद यानी, एक विषय के अनेक पहलुओं को समझना। दूसरों के दृष्टिकोण को भी देखने और स्वीकारने की उदारता वाला। आस्था की ऐसी मुक्त व्याख्या, यही तो भारत की विशेषता है। और यही भारत का मानवता को संदेश है।

    साथियों,
    आज संघर्षों में फंसी दुनिया भारत से शांति की अपेक्षा कर रही है। नए भारत के इस नई भूमिका का श्रेय हमारे बढ़ते सामर्थ्य और विदेश नीति को दिया जा रहा है। लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूँ, इसमें हमारी सांस्कृतिक छवि का बहुत बड़ा योगदान है। आज भारत इस भूमिका में आया है, क्योंकि आज हम सत्य और अहिंसा जैसे व्रतों को वैश्विक मंचों पर पूरे आत्मविश्वास से रखते हैं। हम दुनिया को ये बताते हैं कि वैश्विक संकटों और संघर्षों का समाधान भारत की प्राचीन संस्कृति में है, भारत की प्राचीन परंपरा में है। इसीलिए, आज विरोधों में भी बंटे विश्व के लिए, भारत ‘विश्व-बंधु’ के रूप में अपनी जगह बना रहा है। ‘क्लाइमेट चेंज’ ऐसे संकटों के समाधान के लिए आज भारत ने ‘Mission LiFE’ जैसे ग्लोबल मूवमेंट की नींव रखी है। आज भारत ने विश्व को One Earth, One Family, One Future का vision दिया है। क्लीन एनर्जी और sustainable development के लिए हमने One-world, One-Sun, One-grid का रोडमैप दिया है। आज हम इंटरनेशनल सोलर अलायंस जैसे futuristic global initiative का नेतृत्व कर रहे हैं। हमारे इन प्रयासों से दुनिया में एक उम्मीद ही नहीं जगी है, बल्कि भारत की प्राचीन संस्कृति को लेकर विश्व का नज़रिया भी बदला है।

    साथियों,
    जैन धर्म का अर्थ ही है, जिन का मार्ग, यानी, जीतने वाले का मार्ग। हम कभी दूसरे देशों को जीतने के लिए आक्रमण करने नहीं आए। हमने स्वयं में सुधार करके अपनी कमियों पर विजय पाई है। इसीलिए, मुश्किल से मुश्किल दौर आए, लेकिन हर दौर में कोई न कोई ऋषि, मनीषी हमारे मार्गदर्शन के लिए प्रकट हुआ। बड़ी-बड़ी सभ्यताएं नष्ट हो गईं, लेकिन, भारत ने अपना रास्ता खोज ही लिया।

    भाइयों और बहनों,
    आप सबको याद होगा, केवल 10 साल पहले ही हमारे देश में कैसा माहौल था। चारों तरफ निराशा, हताशा! ये मान लिया गया था कि इस देश का कुछ नहीं हो सकता! भारत में ये निराशा, भारतीय संस्कृति के लिए भी उतनी ही परेशान करने वाली बात थी। इसीलिए, 2014 के बाद हमने भौतिक विकास के साथ ही विरासत पर गर्व का संकल्प भी लिया। आज हम भगवान महावीर का दो हजार पांच सौ पचासवां निर्वाण महोत्सव मना रहे हैं। इन 10 वर्षों में हमने ऐसे कितने ही बड़े अवसरों को सेलिब्रेट किया है। हमारे जैन आचार्यों ने मुझे जब भी आमंत्रण दिया, मेरा प्रयास रहा है कि उन कार्यक्रमों में भी जरूर शामिल रहूं। संसद के नए भवन में प्रवेश से पहले मैं ‘मिच्छामी दुक्कड़म’ कहकर अपने इन मूल्यों को याद करता हूँ। इसी तरह, हमने अपनी धरोहरों को संवारना शुरू किया। हमने योग और आयुर्वेद की बात की। आज देश की नई पीढ़ी को ये विश्वास हो गया है कि हमारी पहचान हमारा स्वाभिमान है। जब राष्ट्र में स्वाभिमान का ये भाव जाग जाता है, तो उसे रोकना असंभव हो जाता है। भारत की प्रगति इसका प्रमाण है।

    साथियों,
    भारत के लिए आधुनिकता शरीर है, आध्यात्मिकता उसकी आत्मा है। अगर आधुनिकता से अध्यात्मिकता को निकाल दिया जाता है, तो अराजकता का जन्म होता है। और आचरण में अगर त्याग नहीं है, तो बड़े से बड़ा विचार भी विसंगति बन जाता है। यही दृष्टि भगवान महावीर ने हमें सदियों पहले दी थी। समाज में इन मूल्यों को पुनर्जीवित करना आज समय की मांग है।

    भाइयों और बहनों,
    दशकों तक हमारे देश ने भी भ्रष्टाचार की त्रासदी को सहा है। हमने गरीबी की गहरी पीड़ा देखी है। आज देश जब उस मुकाम पर पहुंचा है कि, हमने 25 करोड़ देशवासियों को गरीबी के दलदल से निकाला है, आपको याद होगा, मैंने लाल किले से कहा था और अभी पूज्य महाराज जी ने भी कहा – यही समय है, सही समय है। यही सही समय है कि हम हमारे समाज में अस्तेय-अहिंसा के आदर्शों को मजबूत करें। मैं आप सभी संत गणों को भरोसा देता हूँ, देश इस दिशा में हर संभव प्रयास जारी रखेगा। मुझे ये विश्वास भी है, कि भारत के भविष्य निर्माण की इस यात्रा में आप सभी संतों का सहयोग देश के संकल्पों को मजबूत बनाएगा, भारत को विकसित बनाएगा।

    भगवान महावीर के आशीर्वाद 140 करोड़ देशवासियों का, और मानव मात्र का कल्याण करेंगे… और मैं सभी पूज्य संतों को श्रद्धापूर्वक प्रणाम करता हूं। उनकी वाणी में एक प्रकार से मोती प्रकट हो रहे थे। चाहे नारी सश्क्तिकरण की बात हो, चाहे विकास यात्रा की बात हो, चाहे महान परंपरा की बात हो, सभी पूज्य संतों ने मूलभूत आदर्शों को रखते हुए वर्तमान व्यवस्थाओं में क्या हो रहा है, क्या होना चाहिए, बहुत ही कम समय में बहुत ही अद्भुत तरीके से प्रस्तुत किया, मैं इसके लिए उनका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। और मैं उनके एक-एक शब्द को आशीर्वाद मानता हूं।वो मेरी भी बहुत बड़ी पूंजी है और देश के लिए उनका एक-एक शब्द प्रेरणा है। ये मेरा conviction है।

    अगर शायद ये चुनाव का माहौल न होता तो शायद मैं भी कुछ और मिजाज में होता। लेकिन मैंने भरपूर कोशिश की है कि उन चीजों को बाहर रखकर के आऊं। मैं तो नहीं लाया लेकिन आप जरूर लेकर आए हैं। लेकिन इन सबके लिए गर्मी कितनी ही क्यों न हो, जब घर में से निकलने की नौबत आए तभी इंतजार मत करना कि गर्मी कम होगी तब शाम को जाऊंगा। सुबह-सुबह ही जाइये और कमल का तो हमारे सभी संतों, महंतों, भगवंतों के साथ सीधा-सीधा जुड़ाव है। मुझे बहुत अच्छा लगा आप सबके बीच आने के लिए और इसी भावना के साथ, मैं भगवान महावीर के श्री चरणों में पुनः प्रणाम करता हूँ। मैं आप सब संतों के चरणों में प्रणाम करता हूं। बहुत बहुत धन्यवाद!

    Post Views: 906
    • TAGS
    • BHARAT MANDAPAM
    • MAHAVEER SWAMI
    • narendra modi
    • NIRVAN KALYANAK MAHOTSAV
    • PM Modi
    • pragya sagar
    Facebook
    Twitter
    Pinterest
    WhatsApp
      Previous articleकभी मत कहना महावीर जयन्ती मना रहे… ० स्वर्ग से देव भी उतर कर आते जिनके लिए ० जिनके जन्म पर नरक में भी उस क्षण होती सुख की अनुभूति ० जिनका जन्म पर पहला अभिषेक करवाते मेरु पर्वत पर देव…..कौन है वो…
      Next articleजैनों को आपस में लड़ाने की बजाय भगवान जैनों को सौपों ० प्रशासन जैनों में डिवाइड एंड रूल की नीति अपना कर दोनों सम्प्रदायों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़का रहा, पर समाज एक
      Channel Mahalaxmi
      http://www.channelmahalaxmi.com

      RELATED ARTICLESMORE FROM AUTHOR

      विले पार्ले का घाव भरा नहीं, अब मेरठ मंदिर ध्वस्त करने का आदेश

      तीन जगह विहारों में दुर्घटना नहीं, जैन संतों की निर्मम हत्यायें ॰ राजस्थान पुलिस ने दोषी ड्राइवर को पकड़कर छोड़ा

      यह कैसी साधुओं का नज़रअन्दाज़ करने वाली, कुर्सी चिपकू दिल्ली के जागृति एन्क्लेव जिनालय की कमेटी

      अहमदाबाद में एअर इंडिया का प्लेन क्रैश, विमान में 242 यात्री...

      Channel Mahalaxmi - June 12, 2025 0

      विले पार्ले का घाव भरा नहीं, अब मेरठ मंदिर ध्वस्त करने का आदेश

      Channel Mahalaxmi - June 10, 2025 0

      तीन जगह विहारों में दुर्घटना नहीं, जैन संतों की निर्मम हत्यायें ॰ राजस्थान पुलिस...

      Channel Mahalaxmi - June 10, 2025 0

      यह कैसी साधुओं का नज़रअन्दाज़ करने वाली, कुर्सी चिपकू दिल्ली के जागृति एन्क्लेव जिनालय...

      Channel Mahalaxmi - June 9, 2025 0

      सिरफिरे आशिक ने की जैन बिटिया की निर्मम हत्या ॰ दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़...

      Channel Mahalaxmi - June 7, 2025 0

      अहमदाबाद में एअर इंडिया का प्लेन क्रैश, विमान में 242 यात्री सवार थे, विमान में पूर्व CM विजय रुपाणी भी थे

      Channel Mahalaxmi - June 12, 2025 0

      विले पार्ले का घाव भरा नहीं, अब मेरठ मंदिर ध्वस्त करने...

      June 10, 2025

      तीन जगह विहारों में दुर्घटना नहीं, जैन संतों की निर्मम हत्यायें...

      June 10, 2025

      यह कैसी साधुओं का नज़रअन्दाज़ करने वाली, कुर्सी चिपकू दिल्ली के...

      June 9, 2025

      सिरफिरे आशिक ने की जैन बिटिया की निर्मम हत्या ॰ दिल्ली...

      June 7, 2025

      Contact Details

      Editor in Chief:-SHARAD JAIN
      Publish from:-New Delhi
      Phone:-011-42175437
      Whatsapp:-9910690823
      Email:-
      info@channelmahalaxmi.com

      Website:- www.channelmahalaxmi.com

      Follow on twitter

      Tweets by SandhyMahalaxmi

      Live Visitor Counter

      2413252
      Users Today : 120
      Total Users : 1913252
      Views Today : 704
      Total views : 9133693
      Who's Online : 14
      © Copyright © Sharad Advertising Pvt. ltd All rights reserved | For Website Designing and Development :+91 8920664806
      error: Content is protected !!