दिल्ली के पड़ोस में बने, गाजियाबाद जिले के,ऋष्बांचल तीर्थ पर 2 अप्रैल ,शुक्रवार ,को 23वें तीर्थंकर श्री पारस प्रभु जी की 31 फुट की प्रतिमा पहुंची, तो लोगों ने गुरु माता श्री कौशल जी के साथ जोर शोर से भक्ति की। लेटी हुई प्रतिमा का चरण अभिषेक भी हुआ। बैंड बाजे के साथ प्रतिमा को लाया गया। अब इसके पंचकल्याणक की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई है।
क्या अक्षय तृतीया सिर्फ आहारदान दिवस है? पूर्व में किए गए...
29 अप्रैल 2025 / बैसाख शुक्ल दौज/चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर देवाधिदेव श्री ऋषभदेव भगवान को वैसाख शुक्ल तृतीय को...